बीते दिनों स्वामी शुकदेवानंद, ट्रस्ट परमार्थ निकेतन के मैनेजर रामानन्द तिवारी ने जब थाना लक्ष्मण झूला पर एफआईआर लिखवाई तो इस अपराध के तरीके से पुलिस भी हैरान हो गयी क्योंकि साइबर ठगो का खेल ही कुछ ऐसा था।
प्रथम सूचना रिपोर्ट कहती है कि पीड़ित के साथ किसी अज्ञात व्यक्ति ने परमार्थ निकेतन के नाम से फर्जी वेबसाइट बनाकर ऑनलाइन कमरा बुक करने पर अलग अलग बैंक खातों में धनराशि जमा करा कर ऑनलाइन धोखाधड़ी व ठगी की है।एफआईआर के आधार पर थाना लक्ष्मणझूला में केस लखा गया और फिर फ्रंट पर आई अनुभवी आईपीएस और शातिर अपराधियों की हर चाल को नाकाम करने में माहिर टीम पौड़ी की कैप्टेन एसएसपी श्वेता चौबे , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी श्वेती चौबे ने इस सनसनीखेज साइबर गुनाह और शातिर तरीको को समझते हुए मामले को बेहद गम्भीरता और तेज़ी से खुलासे का प्लान तैयार किया और गुनहगारों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए एक टीम बनाकर उन्हें एक्शन और रिजल्ट के निर्देश दिए … टीम की कमान मिली बेहद अनुभवी अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द्र सुयाल को और क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन विभव सैनी के नेतृत्व में प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मणझूला, प्रभारी सीआईयू व प्रभारी साइबर सेल के नेतृत्व में पुलिस टीम हरकत में आ गयी।
इस पुलिस टीम ने तेज़ी से कार्यवाही करते हुए अभियुक्त द्वारा ऑनलाइन बुकिंग के लिये उपलब्ध कराए गए मोबाइल नम्बर व दिए गए फर्जी अकाउन्ट नम्बरों की जाँच की जिसमें अभियुक्त द्वारा फर्जी अकाउन्ट नम्बरों पर कई व्यक्तियों व श्रद्धालुओं से कमरे बुक कराये जाने के नाम पर पैंसे जमा कर धोखाधड़ी की गयी। जिसकी मॉनिटरिंग खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे कर रही थीं। पुलिस टीम ने राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली आदि स्थानों पर जाकर बैंकों के एटीएम चैक किये गये तथा बैंकों से की गई ट्रांजैक्शन के आधार पर अभियुक्त की तलाश शुरू की गई। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम इन स्थानों के एचडीएफसी बैंक आनंद लोक साउथ दिल्ली के एटीएम पर एक संदिग्ध व्यक्ति को पैसे निकलते देखा।
इस बीच टीम ने बेहद शार्प एक्शन लेते हुए संदेहास्पद लकीरों का सटीक पीछा किया और तब पकड़ में आया असली मास्टरमाइंड जिसको जामिया मिलिया दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। घटना के तेज़ी से खुलासे पर जहाँ एसएसपी ने टीम को बधाई दी वहीँ परमार्थ निकेतन ने भी पौड़ी पुलिस को आभार जताया है। शातिर अभियुक्त ने पूछताछ में बताया कि वे ऐसे ही संस्थानों के नाम से फर्जी वेबसाइट बनवाते हैं और फर्जी बैंक खाते खुलवाकर उनके एटीएम डेबिट कार्ड प्राप्त करते हैं। वेबसाइट पर खातों से लिंक गूगल पे पर धनराशि उड़ा ली जाती थी ।आपको बता दें इस अपराधी का नाम यूनुस है जिसकी उम्र केवल 27 साल है ,जो भरतपुर राजस्थान का रहने वाला है।