नदी पर सभी प्रकार के खनन पर रोक , अन्यथा होगी सख्त कार्यवाही – विधानसभा अध्यक्ष

कोटद्वार में नदियों में होने वाले खनन के कारण विगत दिनों सुखरौ नदी पर बने पुल के एक पिलर धंस जाने से पुल क्षतिग्रस्त होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने नदियों में हो रहे अवैध खनन को गंभीरता से लिया है जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि नदियों में किसी भी प्रकार के खनन पर रोक लगा दी जाए| यदि अवैध खनन करते हुए कोई भी व्यक्ति पकड़ा जाता है एवं विभागीय कर्मियों की संलिप्तता पाई गई तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।विधानसभा अध्यक्ष ने कोटद्वार में अपने निजी आवास पर स्थानीय एवं पुलिस प्रशासन, वन विभाग, सिंचाई विभाग, पेयजल निगम व जल संस्थान के अधिकारियों के संग समीक्षा बैठक की| इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने पुलिस प्रशासन व स्थानीय प्रशासन सहित वन विभाग को नदियों पर सभी प्रकार के खनन को रोकने के सख्त निर्देश दिए साथ ही अवैध खनन करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही| विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नदियों पर हो रहे खनन के कारण पुलों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति लगातार बनी हुई है, किसी भी प्रकार की अनहोनी ना हो इसके लिए पुलों के समीप सभी प्रकार के खनन पर रोक लगा दी जाए| इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को नदियों के किनारे छापेमारी अभियान को तेजी से चलाए जाने की बात कही|इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने वन विभाग के अधिकारियों को मालन एवं सुखरो नदी पर रिवर ट्रेनिंग करने की बात कही साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिए रिवर ट्रेनिंग वन विभाग के द्वारा ही की जाए एवं नदी से निकले हुए माल को वही प्रयोग किया जाए|विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को सभी पुलो के निगरानी के दिशा निर्देश दिए| वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने लोक निर्माण विभाग को सुखरो नदी के क्षतिग्रस्त पुल को जल्द ही मरम्मत कर दुरुस्त करने के निर्देश दिए|

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने दैवीय आपदा के अंतर्गत नदियों पर होने वाले बाढ़ सुरक्षा कार्य को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों से जानकारी ली| सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अजय जौन ने बताया कि दैवीय आपदा के अंतर्गत सुखरों नदी पर 507 लाख रुपए, मालन नदी पर 799 लाख रूपए एवम खो नदी के बाए तट पर गाड़ीघाट पुल के पास 926 लाख रूपए के बाढ़ सुरक्षा संबंधी कार्य हेतु प्रस्ताव शासन में भेजे गए हैं जिस पर 9 सितंबर को मूल्यांकन एवं विभागीय समिति की बैठक होनी है इसके पश्चात प्रस्तावों को स्वीकृति मिलने के बाद बाढ़ सुरक्षा कार्य को प्रारंभ किया जाएगा|

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