सरकारी अफसरों के कामकाज को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं। लोकसभा इलेक्शन के नतीजों के बाद यानी कि चार जून के बाद सीएम धामी पूरी तरह से एक्शन की मुद्रा में आने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ विभागों के अधिकारियों की लापरवाही के कारण मुख्यमंत्री अफसरों के विभागों का प्रशासनिक फेरबदल कर सकते हैं।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री चार धाम यात्रा व्यवस्था में शामिल अधिकारियों के कामकाज को लेकर नाखुश हैं क्योंकि यात्रा को लेकर जिम्मेदार अधिकारी यात्रियों की भीड़ का अंदाजा नहीं लगा पाए और व्यवस्था को लेकर सवाल उठे।
जब देने पड़े चार धाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार लोकसभा के चुनाव में व्यस्त रहे लेकिन उसके बावजूद भी वह प्रतिदिन चार धाम यात्रा को लेकर के समीक्षा बैठकें करते रहें। चार धाम यात्रा में लगातार यात्रियों की बढ़ती भीड़ से जब कुछ अवस्था हुई तो उन्हें खुद ग्राउंड जीरो पर उतरना पड़ा। चार धाम की यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं के मद्देनजर नजर मुख्यमंत्री दामिनी प्रबंधन और संचालन के लिए चार धाम प्राधिकरण बनाने के निर्देश भी दे दिए हैं। बताया जा रहा है कि जुलाई में यात्रा प्राधिकरण का स्वरूप तय हो जाएगा जिसकी जिम्मेदारी अपर प्रमुख सचिव आनंद वर्धन को दी गई है।
विकास से जुड़ी परियोजनाओं पर होगा फोकस
आचार संहिता खत्म होने के बाद विकास कार्यों से जुड़े कामों में तेजी आयेगी,इसके लिए 4 जून के बाद ही शासनादेश जारी होंगे।
आचार संहिता के बाद दो नए जिले विकसित करने पर काम आगे बढ़ाने की उम्मीद है जिसकी घोषणा सरकार ने आचार संहिता बनने से पहले की थी। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक-एक नया शहर विकसित किया जाएगा ।
ऋषिकेश और हरिद्वार पुनर्निर्माण गलियारा प्रोजेक्ट जो की गंगा नदी पर चल रहा है उसके मास्टर प्लान का ड्राफ्ट तैयार है इसी के साथ चंपावत में भी शारदा कॉरिडोर और ऋषिकेश कॉरिडोर पर काम के जोर पकड़ने की उम्मीद है।