दून मेडिकल कॉलेज का संदेश, तंबाकू से बच्चों को बचाना है उद्देश्य

विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में प्राचार्य डॉक्टर आशुतोष सयाना के निर्देशन में डॉक्टर अनुपम आर्य प्रभारी विभाग अध्यक्ष कम्युनिटी मेडिसिन विभाग एवं नोडल अधिकारी डॉ मधुलिका सिसोदिया के नेतृत्व में “प्रोटेक्टिंग चाइल्ड फ्रॉम टोबैको इंडस्ट्री इंटरफेरेंस” स्लोगन से तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया। इस मौके पर दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में प्रोफेसर आशुतोष सायना की अध्यक्षता में विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया जिसमें एमबीबीएस बैच 2022 के छात्र-छात्राओं के साथ विभिन्न विभागों के सदस्य, मेडिकल वर्कर्स, पोस्ट ग्रेजुएट रेजिडेंट्स और इंटर्नस ने भाग लिया।डॉक्टर सायना ने इस मौके पर कहा कि तंबाकू का सेवन जानलेवा हो सकता है यह बात तो अधिकांश लोग जानते हैं बावजूद इसके दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू और इससे बने उत्पादों का उपयोग बेधड़क कर रहे हैं उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं आज के समय में कम उम्र के युवा भी बीड़ी सिगरेट गुटका आज के सेवन में लिप्त है उन्होंने कहा कि तंबाकू का सेवन करने से रोकने और इससे होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ही प्रत्येक साल 31 में को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है उन्होंने यहां पर पढ़ने वाले छात्रों से अपील की की भविष्य में एक चिकित्सक के रूप में मरीज से तंबाकू युक्त पदार्थ के सेवन के विषय में आवश्यक जानकारी ले क्योंकि प्रत्यय किया परोक्ष रूप में अधिकतर बीमारियों का कारण धूम्रपान और तंबाकू युक्त पदार्थ का सेवन होता है।इस अवसर पर चिकित्सा अध्यक्ष एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने कहा कि तंबाकू की थोड़ी मात्रा के सेवन से भी फेफड़े गुड़ा मुंह गार्डन पेट मूत्र से पेनक्रियाज या अन्य जगह शरीर में कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है उन्होंने कहा कि सिगरेट के धुएं में 7000 से अधिक घातक रसायन पाए जाते हैं जो शरीर में कई बीमारियों का कारण बनते हैं। डॉ अनुराग ने कहा कि तंबाकू युक्त पदार्थ के सेवन से पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है उन्होंने कहा कि इसका जीता जागता उदाहरण मौजूदा वक्त में उत्तराखंड के जंगलों में लगने वाली आज है जिसके पीछे धूम्रपान एक बड़ा कारण हो सकता है।

मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ अनुपम राना कहा कि हर साल 6 मिलियन मौतें तंबाकू की वजह से होती हैं उन्होंने कहा कि तंबाकू सेहत के लिए किसी जहर से काम नहीं है यह आदमी को न केवल अंदर से खोखला करती है बल्कि सीधे मौत के मुंह में धकेलती है।

डॉक्टर दौलत सिंह विभाग अध्यक्ष रेडियो थैरेपी ने कहा कि धूम्रपान और तंबाकू के सेवन करने से महिलाओं में बांझपन की समस्या उत्पन्न हो सकती है और पैदा हुए बच्चों का मानसिक विकास भी प्रभावित होता है। इस मौके पर मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों ने तंबाकू और उसके उत्पादों के सेवन के दुष्प्रभावों को बताने के लिए कई बिंदुओं पर चर्चा करते हुए संवाद स्थापित किया।

तंबाकू निषेध दिवस के इस मौके पर ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र नयागांव पेलियों एवं शहरी स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र मेहूवाला में संवाद और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से विस्तृत रूप से जानकारी दी गई जहां पर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सुनील ,डॉक्टर सुदीक्षा ,डॉक्टर सुमित, डॉक्टर शालिनी सहित मेडिकल सोशल वर्कर्स और तमाम लोग के साथ ही आशा आंगनबाड़ी एवं अन्य समुदाय के लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में डॉक्टर प्रियंका डोभाल डॉक्टर रिचा सिन्हा ,डॉ शिवकुमार यादव, डॉक्टर दीनदयाल, डॉक्टर सुनीता, डॉक्टर रेनू, डॉक्टर मनोजीत ,डॉक्टर भारती, डॉक्टर अंकित, डॉक्टर मोहित के साथ ही मेडिकल वर्क्स महादेव गौड़, राजेश उनियाल, रमेश ध्यानी अखिलेश असवाल, उमा गोसाई, निधि काला सहित तमाम लोग भी उपस्थित रहे।

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