कप्तान अजय सिंह की ऋषिकेश पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की

चिंतामणि त्रिपाठी और संदीप राठी सहित कई पुलिसकर्मी हुए सम्मानित

संदीप राठी की कार्यशैली से उत्तराखंड पुलिस का मान बढ़ा

एम्स डायरेक्टर ने किया सम्मानित,उत्तराखंड पुलिस फिर एक बार मित्र पुलिस साबित हुई

मो शादान सलीम
न्यूज वायरस नेटवर्क

देहरादून :  उत्तराखंड पुलिस क्यों देश भर में मित्र पुलिस के नाम से प्रशंसा पाती है इसको जानना है तो आपको वर्दी में ड्यूटी निभा रहे पुलिसकर्मियों के ज़ज़्बे और सेवाभाव को देखना चाहिए , चार धाम यात्रा हो , प्राकृतिक आपदा हो , या चौक बाजार हो आपको विनम्रता से ड्यूटी निभाते वर्दीधारी मिल जायेंगे। इन्ही में शामिल हैं जांबाज़ और संवेदनशील पुलिसकर्मी संदीप राठी जिन्हे आज लोग सलाम कर रहे हैं क्या है वजह आपको आगे बताते हैं। एसएसपी अजय सिंह ने टीम में शामिल किया संदीप राठी को

उत्तराखंड के बेहद व्यस्ततम एम्स ऋषिकेश में 15 दिन पूर्व एक व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। परिवार वालों की इच्छा पर मृतक व्यक्ति का अंगदान कराया गया था। लेकिन ये किसी चुनौती से कम नहीं थी लेकिन इसके लिए जिन पुलिसकर्मियों पर ज़िम्मेदारी थी उनमें शामिल थे राठी , आपको यहाँ बता दें कि मानव अंगों को कम समय के भीतर अस्पताल से एयरपोर्ट तक पहुंचने का काम दून पुलिस की सक्रियता और निष्ठा के कारण संभव हो पाया। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने इस समर्पित सेवा भाव से फ़र्ज़ निभाने वाली पुलिस टीम और संदीप राठी को सम्मानित किया।

जानिए पूरा घटनाक्रम –

बता दें कि महेंद्रगढ़ हरियाणा के रहने वाले सचिन को 23 जुलाई को रुड़की में हुई सड़क दुर्घटना के बाद गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। 30 जुलाई को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था। सचिन के परिवार वालों ने उनके अंगदान का निर्णय लिया। इसके बाद किडनी, पेनक्रियाज तथा कॉर्निया को सुरक्षित निकाल लिया गया। निर्धारित समय के भीतर इन सभी अंगों को चंडीगढ़ और दिल्ली भिजवाया जाना था।

एक अगस्त को इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह ने तेज़ी से कार्यवाही करते हुए एक स्पेशल पुलिस की टीम का गठन किया और एम्स ऋषिकेश से लेकर जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया। इसके बाद पुलिस की टीम ने 28 किलोमीटर का रास्ता मात्र 18 मिनट में पूरा किया और एयरपोर्ट के जरिए मानव अंगों को निर्धारित स्थान तक भेजा जाना संभव हो पाया। इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाने वाले एम्स के पुलिस चौकी प्रभारी चिंतामणि मैठानी, कांस्टेबल विकास राणा, संदीप राठी और चालक भुराज सिंह को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में यदि पुलिस प्रशासन का समर्पित और सक्रिय सहयोग नहीं मिलता तो यह बड़ा काम पूरा नहीं हो सकता था। वहीँ उत्तराखंड पुलिस के लिए भी ये किसी उपलब्धि से कम नहीं थी जिसको नज़ीर मानते हुए हज़ारों पुलिकर्मी प्रेरणा लेते हैं जिससे प्रदेश में मित्र पुलिस की पहचान और साख को और भी ऊंचा किया जा सके।

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