उत्तराखंड सरकार चाहती है कि तीर्थ यात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. इसे ध्यान में रखते हुए चारधाम के लिए डॉक्टरों का अलग कैडर बनाने का फैसला लिया गया है. इससे चारधाम यात्रा मार्गों के अस्पतालों में भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध होंगी. यहां उन्ही डॉक्टरों की तैनाती होगी जो चारधाम यात्रा मार्ग पर ही तैनाती के लिए भर्ती किए गये हैं. इसके साथ ही चारधाम के यात्रा मार्गों पर नए अस्पताल खोले जाएंगे. चारधाम यात्र मार्ग पर बनने वाले इन अस्पतालों के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक से वित्तीय सहायता मिलेगी. अस्पतालों के निर्माण के लिए सरकार योजना तैयार कर रही है.
उत्तराखंड में डॉक्टर सरकारी नौकरी तो पा लेते हैं लेकिन पहाड़ों पर जाने के नाम से ही वो कतराते हैं. आलम ये है कि अपनी तरह-तरह की समस्याएं बताकर डॉक्टर मैदानी इलाकों जैसे- हरिद्वार, उधमसिंह नगर, देहरादून और ऋषिकेश में तैनाती पाना चाहते हैं. यही कारण है कि राज्य में किसी की भी सरकार रही हो स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं. लेकिन मौजूदा सरकार अब कुछ ऐसा करने जा रही है जिसके बाद हो सकता है कि पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की सूरत बदल सके.
हालांकि, ये प्लान उत्तराखंड सरकार अभी सिर्फ चारधाम यात्रा को लेकर बना रही है. दरअसल, राज्य का स्वास्थ्य महकमा चारधाम यात्रा मार्गों पर तैनात रहने वाले डॉक्टरों को अलग कैडर देने जा रही है. डॉक्टरों से भर्ती के वक्त ये पूछा जाएगा कि उनकी तैनाती चारधाम यात्रा मार्गों जैसे- उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल जैसे क्षेत्रों में होगी. राज्य सरकार ये इंतजाम इसलिए कर रही है क्योंकि आए दिन चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और ऐसे में सरकार को ये लगता है कि आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होनी चाहिए।