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उत्तराखंड कांग्रेस में क्यों नहीं हो रहा नेता विपक्ष का ऐलान? आखिर कहां फंसा है पेंच?

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देहरादून. उत्तराखंड में भी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. लेकिन उससे पहले अभी तक कांग्रेस की ओर से नेता विपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है. इसी इंतजार में बुधवार का दिन भी निकल गया लेकिन हाईकमान की ओर से कोई फैसला नहीं सुनाया गया. हर दिन निकलने के साथ ही अब नेता विपक्ष से ज्यादा प्रदेशाध्यक्ष के पद को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है. वर्तमान में हरीश रावत और प्रीतम सिंह गुट एक्टिव हैं. खास बात ये है कि दोनों गुटों की कोशिश है कि नेता विपक्ष के साथ ही प्रदेशाध्यक्ष पद की कुर्सी भी उन्हीं के पास रहे. बताया जा रहा है कि नेता विपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के नाम का पेंज जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के बीच फंस कर रह गया है और इसी को सुलझाने में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी लगे हुए हैं.

ठाकुर का नेता विपक्ष बनना तय

कांग्रेस के विधायकों में कोई भी ब्राह्मण विधायक ऐसा नहीं है जिसे नेता विपक्ष का पद दिया जाए, ऐसे में नेता विपक्ष किसी ठाकुर विधायक का बनना तय है. मौजूदा समय को देखा जाए तो प्रीतम सिंह का नाम इस दौड़ में सबसे आगे चल रहा है. वहीं करण महारा और गोविंद सिंह कुंजवाल भी इस रेस में शामिल हैं. इसी संभावना के बीच अब दिल्ली में उत्तराखंड के लिए नए प्रदेशाध्यक्ष की तलाश भी शुरू हो गई है.

बताया जा रहा है कि कांग्रेस की चाह है कोई ब्राह्मण नेता प्रदेशाध्यक्ष बने. समीकरण भी कुछ ऐसे ही बन रहे हैं. कुमाऊं से बात करें तो मनोज तिवारी, प्रकाश जोशी, भुवन कापड़ी ये कुछ ऐसे नाम हैं जिन पर चर्चा जोरों पर है. वहीं गढ़वाल से किशोर उपाध्याय, गणेश गोदियाल, मंत्री प्रसाद नैथानी भी इस दौड़ में शामिल हैं. खबर है कि इसी बात पर प्रीतम और हरीश गुट के नेता आमने सामने हो गए हैं. इससे ये तो साफ है कि 2022 चुनाव से पहले कांग्रेस के बड़े नेता दिल्ली में नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर उलझे हुए हैं.

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