आज के समय में ज़्यादातर काम कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से होते हैं, जिसमे एक ही मुद्रा में कई-कई घंटे बैठ कर प्रोफेशनल्स को काम करना पड़ता है जिस से सर्वाइकल्स जैसी बड़ी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है, साथ ही वरिष्ठ नागरिको को होने वाली मांसपेशियों की समस्याएं और गर्भावस्था में महिलाओं को पेश आने वाली दिक़क्तों के लिए फिजियोथेरपी एक ऐसी उपचार तकनीक है जिस से इन सारी समस्याओं में बहुत राहत मिलती है और सेहत फ़िर से हो जाती है फिट. इसी को लेकर संवाददाता सरवर कमाल ने विस्तार से बात की मिसेज़ इंडिया और देहरादून की जानी मानी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. जसलीन कालरा से
प्रश्न- फिजियोथेरेपी किस तरह की विद्या है।
उत्तर- फिजियोथेरेपी एक भौतिक चिकित्सा है भौतिक चिकित्सा का मतलब होता है आपका शारीरिक रूप से बिना दवाइयों के ईलाज करना, जैसे मानव शरीर एक मशीन की तरह है जैसे मशीन चलती रहती है तो उसे एक सर्विस की ज़रूरत पड़ती है, तो मशीन को ले जाना पड़ता है मैकेनिक के पास ठीक इसी प्रकार मानव शरीर है उसको भी सर्विस की ज़रूरत पड़ती है उसके लिए फिजियोथेरेपिस्ट होता है।
प्रश्न- जब शरीर में कोई रोग हो तभी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता पड़ती है या कोई पहले से सेहतमंद इंसान भी फिजियोथेरेपी करा सकता है।
उत्तर – जब किसी इंसान को कोई शारीरिक समस्या है तब फिजियोथेरेपी उसमे मदद करती ही है लेकिन एक्ससरसाईज़ थेरेपी जो कि हर किसी सामान्य व्यक्ति को करनी ही चाहिए वो भी इसके पेशेवर जानकार की देखरेख मे.
प्रश्न- आपने अपनी फिजियोथेरेपी की सेवायें उत्तराखंड पुलिस विभाग में भी दी हैं, कैसा अनुभव रहा।
उत्तर- मेरी विशेषज्ञता एमपीटी स्पोर्ट्स में है जिसमे मै उत्तराखंड पुलिस के साथ पिछले 3 साल से काम कर रही हूं हाल ही में ऑल इंडिया पुलिस आर्चरी में हमने योगदान दिया हमारे पास बहुत सारे स्पोर्ट्स से जुड़े मरीज़ आये जिसमे हम ऑन फ़ील्ड और ऑफ़ फ़ील्ड दोनों जगह काम करते हैं।
प्रश्न- आपके पास प्रतिदिन लगभग कितने मरीज़ आ जाते हैं या वो लोग जो अपने को फ़िट रखना चाहते है आपकी फिटनेस गाइडलाइन में
उत्तर- रोज़ 20-25 मरीज़ों की ओपीडी रहती है जिसमे बुज़ुर्गों और युवा दोनों तरह के मरीज़ है, जिसमे अधिकतर कमर दर्द और सर्वाइकल्स के मरीज़ हैं जो कि गलत मुद्रा में उठने बैठने से होती है, इसके अलावा कुछ ऐसे है जो अपने को फ़िट रखने के लिए आते हैं।
प्रश्न- किस तरह की समस्या के केस ज़्यादा हैं आपके पास,
उत्तर- सर्वाइकल और गर्दन दर्द के ज़्यादा केस हैं जो कि गलत मुद्रा में बैठ कंप्यूटर, मोबाइल पर लंबे समय तक काम करते हैं इस कारण उत्पन्न होती है.
प्रश्न- इस तरह के मरीज़ों को कब तक आपके पास इलाज के लिए आना होता है?
उत्तर- केस पर निर्भर करता है कि कब तक ईलाज चलेगा साथ ही मरीज़ की आयु और रोग कितना पुराना है इस बात पर भी निर्भर करता है. इसके बाद आप जब समस्या की जड़ तक पहुँच जाते हैं तभी सही तरह से ईलाज मुमकिन हो पाता है.
प्रश्न- फिजियोथेरेपी किस तरह के मरीज़ों के लिए ज़रूरी है जैसे बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलायें आदि?
उत्तर- फिजियोथेरेपी सब के लिए आवश्यक है, इसकी अलग अलग ब्रांच हैं जो हर तरह की समस्याओं के लिए अलग अलग रूप से आवश्यक है, जैसे मंदबुद्धि बच्चोँ के विशेष केस में या गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भ के समय पर विशेष थेरेपी कराई जाती है, जिस से बच्चे की डिलीवरी के समय महिलाओं बहुत आसानी होती है.
प्रश्न- बुज़ुर्गों की समस्याओं के बारे में आप क्या कहना चाहेंगी?
उत्तर- बुज़ुर्गों में उनकी आयु के हिसाब से पैदा हुई बीमारियों की वजह से ज़्यादा दिक़्क़त होती है जैसे कैल्शियम की कमी या शुगर, बीपी जैसी समस्याएं, इन समस्याओं से बचने के लिए अपने को एक्टिव रखना बेहद आवश्यक है जिस से काफी हद तक इन समस्याओं से बुज़ुर्गों को समय रहते छुटकारा मिल सकता है.
प्रश्न- देहरादून में फिजियोथेरेपी को लेकर आम जनमानस में कितनी बेहतर जानकारी है?
उत्तर- फिजियोथेरेपी को लेकर धीरे-धीरे अवेयरनेस बढ़ रही है, और मीडिया के सहयोग से तो ये काम और आसान हो पा रहा है.
प्रश्न- आपकी फ़िटनेस का क्या राज़ है क्या आप भी फिजियोथेरेपी की ये विद्या अपने ऊपर आज़माती है?
उत्तर- अपने दो बच्चों को जन्म देने के बाद मै फ़िट होने की कोशिश कर रही हूँ जिसमे मै रोज़ जिम वर्कआउट करती हूं लेकिन अभी और दूर जाना है . 2018 में मैंने मिसेज़ इंडिया का ख़िताब भी जीता था. मुझे लगता है कि अपने आप से प्यार करना चाहिए, साथ ही कुछ न कुछ करने रहना चाहिए, जिसमे मुझे ट्रैकिंग करना पसंद है इसके अलावा मै रोज़ जिम भी करती हूं।