- दिनेश कुमार सिंह,पूर्व आईएएस,उत्तर प्रदेश की कलम से
न्यूज़ वायरस नेटवर्क
सेवानिवृत्त के उपरांत अब अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हूं। इसे देखते हुए विभिन्न जनपदों में विभिन्न पदों पर काम करने के दौरान प्राप्त अनुभव के आधार पर आज अपने मन की बात और विचार आपके समझ रखा रहा हूं।
बीए ,बीएससी, बीबीए ,एमबीए , मेडिकल इंजीनियरिंग तकनीकी प्रशिक्षण आदि तमाम कोर्स है जिनकी फीस बहुत ज्यादा है। इस कारण बहुत सारे बच्चे जो अच्छे भी हैं लेकिन उनके मां बाप फीस नहीं दे सकते हैं और वह उस शिक्षा से वंचित रह जाते हैं अगर वह यह शिक्षा प्राप्त करते तो उस कोर्स को करके देश के विकास में अपना योगदान कर सकते थे। लेकिन कुछ प्रतिभाएं अभाव के कारण वंचित रह जा रही है।
सरकार ने जनहित में बहुत सारे काम किये है उसमें शौचालय निर्माण हो इस कारण लोटा लेकर जंगल में जाने की प्रथा समाप्त हो गई और गांव के रास्ते में जो गंदगी रहती थी वह खत्म हुई,आवास निर्माण ,मुफ्त विद्युत कनेक्शन ,सभी के बैंक में खाते खोला जाना , हर घर जल हर घर नल की व्यवस्था पूरे देश के हर गांव के हर घर के लिए हो रही है यह ऐतिहासिक कार्य है जो देश को बदलने में बहुत बड़ा योगदान कर रहे हैं।अब आवश्यकता है की बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा पर भी व्यय किया जाए। बिना भेदभाव के हर बच्चे को चाहे किसी जाति या धर्म का किसी गरीब का हो या अमीर का हो सबके लिए उच्च शिक्षा ,प्रोफेशनल शिक्षा ,व्यवसायिक शिक्षा,भी मुफ्त में सरकारी संस्थानों व प्राइवेट संस्थानों में दी जाए इस पर आने वाले व्यय भार को सरकार अपने बजट से वहन करें।
- चाहे सरकारी विद्यालय हो, कॉलेज हो, विश्वविद्यालय हो , संस्थान हो या प्राइवेट हो सब में मुफ्त शिक्षा होनी चाहिए और सरकार अपने बजट से इसका भार वहन करें।
- 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के घोषणा पत्रों में इस बात का उल्लेख हो इसके लिए अभी से हम सबको सभी दलों के जिम्मेदार लोगों के समक्ष इस बात को रखने की आवश्यकता है।।
- हम सब को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना है कोई भी बच्चा जो शिक्षा प्राप्त करना चाहता है वह उस शिक्षा से धनाभाव के कारण वंचित ना रहने पाए।