बिजली की दरों में बृद्धि पर तमतमाए नेता विपक्ष यशपाल आर्य का आरोप

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि , उत्तराखंड सरकार का उत्तराखंड पावर कारपोरेशन अपने नकारेपन की सजा बिजली की दरों में बृद्धि कर जनता को देना चाहता है। ऊर्जा प्रदेश का नारा देने वाली सरकार बिजली की दरें बढ़ाकर उपभोक्ताओं की जेब खाली करने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने बताया कि , यदि विद्युत नियामक आयोग ने पावर करोपोरेशन के प्रस्ताव को मान लिया तो नए साल में उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को वर्तमान से लगभग 17 प्रतिशत अधिक धनराशि बिजली बिल के रूप में देनी होगी।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि , उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरशन ने आने वाले साल के लिए बिजली दरों में 7.72 प्रतिशत बृद्धि करने का प्रस्ताव भेजा था जिसे नियामक आयोग ने वापस कर लिया था अब फिर एक बार पावर कॉर्पोरशन ने दरों में लगभग 17 प्रतिशत बृद्धि का प्रस्ताव भेजा है । याने यदि नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरशन के प्रस्ताव को ज्यों का त्यों स्वीकार किया तो उपभोक्ताओं की जेब पर 17 प्रतिशत और बोझ पड़ेगा।नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि , अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार के कारण उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरशन की हालत खराब है। लाइन लॉस और कम राजस्व वसूली के कारण निगम को 30 प्रतिशत का नुकसान हों रहा है। यदि इस नुकसान को ठीक कर लिया जाय तो राज्य में आने वाले 25 सालों तक बिजली की दरों को बढ़ाना ही नहीं पड़ेगा।

यशपाल आर्य ने कहा कि , आम जनता केंद्र सरकार की उपेक्षापूर्ण नीतियों से पहले ही त्रस्त है। महंगाई पर न केन्द्र और न राज्य सरकार के स्तर से कोई नियंत्रण किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा पिछले दो वर्ष के अंतराल में दूसरी बार विद्युत बिलों में वृद्धि से प्रदेश की जनता पर महंगाई का एक और बोझ सरकार द्वारा लगाया है। एक तरफ महंगाई की मार से लोग परेशान हैं, ऊपर से बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर सरकार आमजन को दोहरा झटका दे रही है।यूपीसीएल ने 15 दिसंबर को नियामक आयोग में जो टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है, उसमें 6.5 प्रतिशत बढ़े हुए सरचार्ज को भी शामिल कर लिया। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि , नियमानुसार यूपीसीएल को अपने टैरिफ प्रस्ताव में एक सितंबर से पूर्व की दरें बताते हुए, उसमें जरूरत के हिसाब से नई दरों को जोड़कर प्रस्ताव देना था । मसलन, घरेेलू श्रेणी में 0-100 यूनिट वालों के लिए बिजली दर 2.90 रुपये प्रति यूनिट थी जो कि एक सितंबर से 31 मार्च 2023 तक 2.95 रुपये प्रति यूनिट हुई थी। यूपीसीएल को नए टैरिफ प्रस्ताव में पुरानी यानी 2.90 रुपये प्रति यूनिट को ही बेस बनाकर बढ़ोतरी की मांग करनी चाहिए थी।

लेकिन यूपीसीएल अपने घाटे को भी खर्चे बताकर नियामक आयोग को प्रस्ताव भेज रहा है इसलिए 17 प्रतिशत की बृद्धि चाहता है।

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