देहरादून शहर के विकास को लेकर नगर आयुक्त ने अपनी योजनाओं को सामने रखा जिसमे पहले सवाल जो कि शहर के विकास से जुड़ा था उस पर उन्होंने कहा कि निगम का मुख्य काम वेस्ट मैनेजमेंट है कुछ विकास से जुड़े काम भी हैं जिसमे एक बड़ा काम प्रॉपर्टी वेस्ट मैनेजमेंट है साथ ही स्ट्रीट लाइटों से जुड़े काम भी निगम की प्राथमिकता है. मुख्य काम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट से सम्बंधित कई क़दम उठायें हैं इसमें उन्होंने इंदौर शहर का उदाहरण देते हुए बताया कि जिस तरह से इंदौर साफ़ सफ़ाई के मामले में नंबर एक शहर कहा जाता है उसके पीछे वहां की व्यवस्थाएं, वहां की कार्यशैली, वहां की साफ़ सफाई की तकनीक है जिसको हमें अपना कर देहरादून में भी लागू करना चाहिए और इस ओर वो काफ़ी तेज़ी से बढ़ भी रहे हैं जिसमे अगर तकनीक की बात की जाए तो वहां ट्रांसफर स्टेशन लगे हैं, प्रोसेसिंग प्लांट लगे हैं उसको देहरादून शहर में लागू करने के लिए प्रयासरत हैं.
प्रधानमंत्री मोदी के विज़न ‘वेस्ट टू वेल्थ’ का उदाहरण देते हुए बताया कि कूड़े के इस्तेमाल से ईंधन बना कर बेहतर उपयोग को देहरादून शहर को और साफ़-सुथरा बनाने में किया जा रहा है. पॉलीथिन मुक्त देहरादून की बात पर आयुक्त ने जवाब दिया कि लोगों को इसके इस्तेमाल से रोकने के लिए कई जनजागरूकता कार्यक्रम भी किये हैं साथ ही चाल की कार्यवाही भी अमल में लाइ गई है. आवास योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा की लगभग सभी योजनाए पूरी की जा चुकी हैं और कोई आवेदन आता है तो उस पर भी तवज्जो दी जाती है साथ ही स्लम बस्तियों को दुबारा सुधार का कार्य भी किया जा रहा है जिसके लिए निगम द्वारा कुछ प्रोजेक्ट को शासन की हाँ भी मिलने की आशा है और जिसमे शासन ने बजट में 25 करोड़ की घोषणा की है जो की स्लम बस्तियों के रीडेवलपमेंट के लिए है.
देहरादून के ड्रेनेज सिस्टम की समस्याओं के एक सवाल को लेकर आयुक्त अनुज गोयल ने कहा कि सारे सम्बंधित विभागों से वार्ता कर के एक बेहतर और नए ड्रेनेज प्लान तैयार किया जाएगा। अपनी कार्यशैली के जवाब में उन्होंने कहा की उनका सिर्फ फोकस इस बात पर रहता है की उनकी ज़िम्मेदारी बेहतर कैसे हो इस बात पर ज़ोर रहता है.