मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 30 दिन का कार्यकाल

मुख्यमंत्री पद से तीरथ सिंह रावत की विदाई के बाद जैसे ही पार्टी हाईकमान ने पुष्कर सिंह धामी
के नाम का एलान किया तो दिग्गज नेताओं में असंतोष पैदा हो गया। लेकिन अपनी कार्यप्रणाली से
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण करने से पहले उठे इस तूफान को थामने में कामयाबी हासिल
कर ली. 30 दिन का रिकॉर्ड देखें तो मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल सहज तरीके से बीता

आईये आपको रूबरू कराते हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पिटारे से निकले लुभावने वादों से

सबसे पहले तो बात करते है एक ज्वलंत मुद्दा रहा उत्तराखंड भू कानून की जहाँ मुख्यमंत्री धामी ने  उत्तराखंड भू कानून को लेकर एक कमिटी गठन करने का आश्वासन दिया है.|

वहीँ छह संकल्पों से शुरुआत 

सत्ता की बागडोर थामने के साथ ही अपनी पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने अपने छोटे से कार्यकाल में छह बड़े संकल्पों से शुरुआत की।

-भ्रष्टाचार मुक्त शासन-प्रशासन, राज्य की जनता को पारदर्शी, संवेदनशील एवं त्वरित सेवाएं प्रदान करना।

-युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराना।

-वैश्विक महामारी कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण एवं आम जनमानस की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ एवं सुलभ किया जाना।

-सरकार ने चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को जिलों में शिविरों के माध्यम से आम जनमानस को लाभान्वित किया जाना।

-महिला सशक्तीकरण और महिलाओं को स्वावलंबी बनाना।

-दलित एवं पिछड़े कमजोर वर्ग का उत्थान एवं उन्नयन।

कोविड से प्रभावितों को 200 करोड़ का पैकेज

प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए लगभग 200 करोड़ का पैकेज की घोषणा की। इससे लगभग 1.64 लाख लाभार्थियों को फायदा होगा।

 

चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ का पैकेज चिकित्सा क्षेत्र के लिए 205 करोड़ के पैकेज की घोषणा की। इसमें कोविड महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत कार्मिकों के लिए प्रोत्साहन पैकेज भी है। इससे प्रदेश के 3 लाख 73 हजार 568 लोग लाभान्वित होंगे।आशा कार्यकर्ताओं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आगामी पांच माह तक दो-दो हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। इन योजनाओं से लगभग 3,73,568 व्यक्ति का लाभ मिलेगा।

मेडिकल कॉलेजों के लिए धनराशि जारी की गई  | जिला हरिद्वार एवं पिथौरागढ़ में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्थापना के लिए 70-70 करोड़ की धनराशि जारी की गई।

ये लोकलुभावने फैसले भी हुए

– लोक सेवा आयोग के तहत और उसकी परिधि से बाहर समूह के ग के पदों पर चयन के लिए अभ्यर्थियों को आयुसीमा में एक वर्ष की छूट दी।

– कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत वात्सल्य योजना शुरू की।

– 30 दिसंबर तक प्रदेश में सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन का लक्ष्य बनाया।

– हर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य मेले लगाने की घोषणा।

– राज्य में 1945 पैडियाट्रिक आक्सीजन बेड और 739 एनआईसीयू, पीआईसीयू बेड बच्चों में कोविड मामलों के लिये चिन्हित किए गए।

– बच्चों के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट की व्यवस्था की गई है।

– 10 अगस्त तक सभी सीएचसी, पीएचसी, सब सेंटर में जरूरी दवाइयां उपलब्ध करा दी जाएंगी।

– अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाकर रुपये 25000 करने का निर्णय।

– विभिन्न विभागों में लगभग 20-22 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग के खाली पदों को भरने का निर्णय लिया।

– उपनल कार्मिकों की मांगों को लेकर कैबिनेट उपसमिति का गठन।

– श्रीनगर, देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज कुल 501 पद सृजित किए गए।

– उत्तराखंड परिवहन निगम के कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए 34 करोड़ की धनराशि मंजूर की।

– राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस इंटर्न के स्टाईपेंड में वृद्धि की गई। वर्तमान स्टाईपेंड की दर रुपये 7500 प्रतिमाह से बढ़ाकर रुपये 17,000 किए जाने को दी गई मंजूरी।

– सरकार संघ लोक सेवा आयोग, एनडीए, सीडीएस एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिए 50 हजार रुपये देगी।

– प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 16472 लोगों को आवास को मंजूरी दी।

– उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगना एवं वेटरन को अब प्रतिमाह पेंशन 10 हजार रुपये की।

– जल्द ही सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए पढ़ाई के लिए हल्द्वानी में छात्रावास बनाया जाएगा।

– एक सितंबर से प्रदेश में सैन्य सम्मान यात्रा शुरू की जाएगी।

– मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना का शुभारंभ किया।

– दैवी आपदा में राहत कार्यों के लिए पिथौरागढ़ में दो माह के लिए हेलीकॉप्टर तैनाती की।

उन्होंने अपने अंदाज से सबका विश्वास हासिल करने में कामयाबी हासिल की। जहां तक मुख्यमंत्री के तौर पर उनके 30 दिनों की बात है तो वरिष्ठ नेताओं का शुरुआती असंतोष और नाराजगी अब घुलती नजर आ रही है।

आलम यह है कि अब पार्टी के सीनियर नेता भी धामी के सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे हैं।

 

 

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