वैली ऑफ वर्ड्स की टीम ने सीएम धामी से की मुलाकात

देहरादून : वैली ऑफ वर्ड्स इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट्स फेस्टिवल के संस्थापक और फेस्टिवल डायरेक्टर संजीव चोपड़ा ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के साथ हुई इस मुलाकात में साहित्यिक आलोचक और VoW फाउंडेशन ट्रस्ट की सचिव यौवानिका चोपड़ा, VoW के अकाउंट्स प्रमुख बिक्रम सिंह और वैली ऑफ वर्ड्स के मीडिया पार्टनर गढ़वाल पोस्ट के सतीश शर्मा भी शामिल हुए। 
 

डॉ. संजीव चोपड़ा ने उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री को वैली ऑफ वर्ड्स फेस्टिवल के आगामी 8 वें संस्करण में आमंत्रित किया और संगठन की विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. संजीव चोपड़ा ने मुख्यमंत्री को 17 नवंबर को आयोजित होने वाले फेस्टिवल के ‘ग्रैंड फिनाले’ वे लिए भी निमंत्रण दिया, जहाँ मुख्यमंत्री द्वारा इस वर्ष के VoW बुक्स अवार्ड्स के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने धामी सरकार का पिछले दो संस्करणों के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इसी प्रकार के सहयोग की आशा व्यक्त की। डॉ. संजीव चोपड़ा ने इस मुलाकात में सुझाव दिया कि देहरादून को ‘नॉलेज सिटी’ घोषित किए जाने के संबंध में UNESCO से अपील जाने के संबंध में UNESCO से अपील की जानी चाहिए।लेखक और स्तंभकार संजीव चोपड़ा ने मुख्यमंत्री को वैली ऑफ वर्ड्स के उद्देश्यों, साहित्य और संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों और विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस साल का आयोजन उन प्रतिभागियों की आवाज को मंच प्रदान करेगा जिन्होंने साहित्य, कला, और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है। इस बार का आयोजन साहित्य प्रेमियों और विद्वानों के लिए विभिन्न सत्रों, कार्यशालाओं और चर्चाओं के माध्यम से अपना मत रखने के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

डॉ संजीव चोपड़ा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को, हाल ही में लॉन्च हुई सचिन चौहान द्वारा अनूदित अपनी पुस्तक के हिंदी संस्करण “हम, भारत के राज्यों के लोग भारत की आंतरिक सीमाओं का निर्माण एवं पुनर्निर्माण” की एक प्रति भी भेंट की। गौरतलब है कि इस पुस्तक में उत्तराखण्ड राज्य को समर्पित एक सम्पूर्ण अध्याय शामिल है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत और विदेशों में साहित्यिक महोत्सवों के मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान बना चुके इस साहित्यिक महोत्सव के लिए भरपूर मदद और समर्थन का आश्वासन दिया और साथ ही फेस्टिवल के दौरान उपस्थित रहने के निमंत्रण को भी स्वीकार किया। 

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