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रिटायर होने के बाद कहाँ जाती हैं सेक्स वर्कर !

देहरादून से कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी की विशेष रिपोर्ट –

सेक्‍स वर्कर्स की लाइफ आम लोगों से काफी अलग और दर्दनाक होती है। जहां जवानी के दिनों में सेक्‍स वर्कर को अनेक यातनाएं और जुल्म सहने पड़ते हैं वहीं उम्र ढलने पर भी इनका जीवन दयनीय होता है।काम करते हुए सेर्क्‍स वर्कर्स को हमेशा ये डर सताता है कि कहीं कोई दिन ऐसा न आए जब उनके दरवाज़े पर एक भी ग्राहक न हो। इस धंधे में लगी महिलाओं के जीवन में एक दिन ऐसा आता है जब उनका यौवन ढलने लगता है और वो वृद्धावस्‍था की ओर बढ़ने लगती हैं।ऐसे में क्‍या आपने कभी सोचा है कि उम्र ढलने के बाद ये महिलाएं कहां जाती हैं और क्या करती हैं।एक समाजसेवी ने बताया कि उन्होंने एक स्टेशन पर एक बूढी महिला को काफी गंदे कपड़ों में बैठे हुए देखा। उस बूढी महिला से जब उन्होंने पूछा कि वह यहां क्‍या कर रही हैं और कैसे आईं तो उस महिला ने एक चौंका देने वाला सच बताया। उस बूढ़ी महिला ने बताया कि वह जवानी के दिनों में एक वेश्‍या थी लेकिन उम्र ढलने के साथ उसके पास ग्राहक आने कम हो गए और उसे कोठे से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया। उस महिला का कहना था कि उम्र बढ़ने और यौवन ढलने पर उसके जैसी सभी महिलाओं को एक दिन कोठे से बाहर निकाल दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया जाता है।वृद्ध होने के बाद ये महिलाएं भीख मांगकर अपना गुजारा करती हैं। ये है सेक्‍स वर्कर्स की लाइफ – इनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं होता और ना ही खाने को पैसे होते हैं। ये है सेक्‍स वर्कर्स की लाइफ – सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सेर्क्‍स वर्कर्स पर काफी अत्‍याचार किए जाते हैं।सरकार और प्रशासन भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आती और इस तरह उनका जीवन दर्द से शुरु होकर दर्द पर ही खत्म हो जाता है। आज ज़रूरत है कि मानवीयता और नारी उत्थान की बात कहने वाली राज्य और केंद्र सरकारें , एनजीओ और सरकारी तंत्र इस बढ़ती गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम उठाये और समाज की इस आबादी को पुरसुकून बुढ़ापे का सहारा दे

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