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देहरादून के अस्पताल में ब्लैक फंगस के बाद कोरोना से ठीक हुए मरीजों में एस्परजिलस के केस सामने आने से लोग डरे हुए हैं.
देहरादून के अस्पताल में ब्लैक फंगस के बाद कोरोना से ठीक हुए मरीजों में एस्परजिलस के केस सामने आने से लोग डरे हुए हैं. इस फंगस को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि एस्परजिलस फंगस आम फंगस की तरह है. इस फंगस का कोरोना से कोई कनेक्शन नहीं है, न ही ये फंगस नया है.
देहरादून. देहरादून ( dehradun) के अस्पताल में ब्लैक फंगस ( black fungus) के बाद कोरोना (Corona) से ठीक हुए मरीजों में एस्परजिलस (Aspergillus) के केस सामने आने से हड़कंप मच गया.
लोग डरे हुए हैं. न्यूज 18 की टीम ने जब इस फंगस को लेकर मेडिकल एक्सपर्ट से बातचीत की तो साफ हुआ कि एस्परजिलस फंगस आम फंगस की तरह है. इस फंगस का कोरोना से कोई कनेक्शन नहीं है, न ही ये फंगस नया है. इस बीमारी के 20 मरीज दून के अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट हैं, जिसके बाद लोग इसे नया वेरिएंट मान रहे है, जबकि मेडिकल फील्ड में ये बिल्कुल नया नहीं है.
दरअसल, इस फंगस के ज्यादा चांस दमा के मरीजों में होते हैं. एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि अगर दमा का हल्का सा भी इन्फेक्शन बॉडी में है तो फंगस जल्दी पकड़ता है. कोविड 19 के नोडल ऑफिसर डॉक्टर अनुराग अग्रवाल का मानना है कि जिन कोविड मरीजों को दमा की शिकायत रही हो उनको ये हो सकता है. बाकी ये फंगस नया बिल्कुल नहीं है. इससे किसी को घबराने की जरूरत नहीं है.
फंगस के तकरीबन 64 से ज्यादा वेरिएंट बताए जाते हैं. ऐसे में हर फंगस को कोरोना वायरस से जोडऩा डॉक्टर बिल्कुल सही नहीं मान रहे. इसलिए उनका साफ कहना है कि आप भी डरने के बजाय अपने खान पान पर सही तरह से ध्यान दिया जाए.
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