कितने साल में होता है एक IAS अधिकारी का प्रमोशन ?

देश का हर दूसरा युवा आईएएस अफसर बनाना चाहता है. आईएएस अधिकारी एक ऐसा पद होता है जहां रुतबे के साथ-साथ पैसा भी खूब होता है. आईएएस की नौकरी करने के लिए युवा अच्छे से अच्छी नौकरी छोड़ देते हैं. आईएएस अधिकारी बनने के लिए केवल यूपीएससी परीक्षा पास करना ही काफी नहीं है. अच्छी रैंक पानी भी आवश्यक है. आईएएस अधिकारी बन आप भारत सरकार के सबसे बड़े कैबिनेट सेक्रेटरी तक पहुंच सकते हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि कितने सालों में आईएएस को प्रमोशन मिलता है.

जिला प्रशासन

बता दें कि आईएएस अधिकारियों के प्रमोशन के लिए समय सीमा तय की गई है. जिसके अनुसार ही उनका पद और वेतन बढ़ता है. इस सब के साथ ही उनकी जिम्मेदारियां भी बढ़ती हैं. जिला प्रशासन की बात करें तो पहले चार साल एक आईएएस अधिकारी की तैनाती बतौर एसडीएम रहती है. इसके बाद सर्विस के पांच से आठ साल के बीच वह एडीएम का जिम्मा संभलता है. 9 से लेकर 16 वर्ष तक एक आईएएस अधिकारी डीएम के पद पर तैनात रहता है. जबकि उसके बाद वह डिविजनल कमिश्नर के पद तक पहुंच जाता है.

राज्य सचिवालय

यदि आईएएस राज्य सचिवालय में है तो शुरुआत में उसकी पोस्ट अंडर सेक्रेटरी की रहती है. 5 से 8 साल के बीच डिप्टी सेक्रेटरी पद रहता है. उसके बाद जॉइंट सेक्रेटरी बनाया जाता है. नौकरी के 13 से 16 साल के मध्य स्पेशल सेक्रेटरी कम डायरेक्टर पद मिलता है. 16 से 24 के लिए  सेक्रेटरी-कम-कमिश्नर, 25 से 33 के बीच सेक्रेटरी-कम-कमिश्नर पद और उसके बाद चीफ सेक्रेटरी का पद मिलता है.

केंद्रीय सचिवालय

केंद्रीय सचिवालय की बात करें तो यहां एक आईएएस की शुरुआत बतौर असिस्टेंट सेक्रेटरी होती है. चार वर्ष के अनुभव के बाद अंडर सेक्रेटरी का पद दिया जाता है. फिर से 9 से 12 साल के बीच वह डिप्टी सेक्रेटरी पद पर रहता है. 13 से लेकर 16 साल तक डायरेक्टर का पद रहता है. उसके बाद 24 साल के अनुभव तक ज्वाइंट सेक्रेटरी, उसके बाद एडिशनल सेक्रेटरी, 30 से 33 साल के बीच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, 34 से 36 साल के अनुभव के मध्य सेक्रेटरी और उसके बाद वह आईएएस अधिकारी  कैबिनेट सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के पद पर तैनात होता है.

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