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परी बिश्नोई …. जो IAS बनने के लिए हो गयी साध्वी !

भारत में आईएएस अधिकारी बनने के लिए लोगों को सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी (UPSC) परीक्षा पास करना होता है। परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए व्यक्ति को कई घंटों तक पढ़ाई करनी पड़ती है। हर साल हजारों उम्मीदवार आईएएस, आईएफएस और आईपीएस बनने के लिए यह परीक्षा देना चाहते हैं। उनमें से केवल कुछ ही लोग इस परीक्षा में सफल हो पाते हैं। इस परीक्षा के मुख्य तीन भाग होते हैं। प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। इनके आधार पर मैरिट तैयार होती है। आज हम बात करेंगे आईएएस परी बिश्नोई (Pari Bishnoi) के बारे में, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षा क्रैक करने के लिए साधु जैसे बनकर जीवन बिताया और सफलता हासिल की।

राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली आईएएस परी बिश्नोई ने 2019 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की। उनके पिता मनीराम बिश्नोई वकील हैं और मां सुशीला बिश्नोई वर्तमान में जीआरपी में पुलिस अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। परी के दादा गोपीराम बिश्नोई चार बार काकड़ा गांव के सरपंच रह चुके हैं। परी बिश्नोई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की। इसके बाद परी बिश्नोई दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज में स्नातक की डिग्री करने के लिए आग गईं। अजमेर में एमडीएस विश्वविद्यालय में, परी बिश्नोई ने राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की।

तीसरे प्रयास में पास की यूपीएससी की परीक्षा

परी बिश्नोई ने अपनी पढ़ाई के दौरान यूजीसी नेट-जेआरएफ भी पास किया। अपने तीसरे प्रयास में परी बिश्नोई यूपीएससी परीक्षा पास करने में सफल रहीं। उन्होंने यूपीएससी एआईआर 30 हासिल की। परी बिश्नोई की मां ने एक मीडिया साक्षात्कार में कहा कि जब आईएएस अधिकारी बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं तो परी ने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिलीट कर दिए थे और मोबाइल का इस्तेमाल करना भी बंद कर दिया था।
परी बिश्नोई ने दावा किया कि उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान एक साधु की तरह जीवन बिताया। परी बिश्नोई सिक्किम अब गंगटोक में सब डिविजनल ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। इससे पहले वह भारत सरकार के पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय में सहायक सचिव थीं।

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