पूर्व विधायक राजकुमार ने अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड नितिन भदौरिया से मिलकर उनसे दून नगर निगम की ओर से मलिन बस्तियों में भवन कर वसूली में जो नियम व शपथ पत्र, शर्तें व कडे नियम लागू किये गये है उन्हें तुरन्त निरस्त किये जाने का अनुरोध किया । उन्होंने कहा कि अन्यथा नये नियम के विरोध में कांग्रेस सडकों पर उतरकर आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 582 बस्तियां है जो मान्यता प्राप्त है और जिससे वर्षो से पानी, बिजली, सड़क, नाली व हाउस टैक्स् तथा अन्य सभी सुविधायें उपलब्ध करवा रख है और तत्कालीन दून नगर पालिका ने वर्ष 1992 में मलिन बस्तियों में हाएस टैक्स लगा दिया गया था तब मात्र पचास प्रतिशत प्रति कमरा लोगों को हाउस टैक्स दिया जाता था तथा शपथ पत्र भी नहीं लिया जाता था सिर्फ पानी, बिजली के बिल व सर्वे के अनुसार बस्तियों में हाउस टैक्स लगा दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि जिससे लोगों का निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र तथा अन्य सुविधायें आसानी से ले लिया करते थे, परन्तु अब सभी सुविधायें बंद कर दी गई है और शपथ पत्र के अलावा कडे नियम लागू कर दिये गये है। उन्होंने कहा कि पिछली सभी सुविधायें बंद कर दी गई है और लोगों की सीनियरटी खत्म कर दी गई है और नगर पालिका के समय से तथा नगर निगम बनने के बाद जो मलिन बस्तीवासियों को सुविधा इन्डेक्स की और सीनियरटी से मिलती थी उसे दोबारा शुरू की जाये और जिससे लोग अपने निवास, जाति व पानी, बिजली आसानी से लगा सके और नये नियम को खत्म किया जाये।
उन्होंने कहा कि नये नियम में शपथ पत्र के साथ यह लिखा गया है कि मलिन बस्तीवासियों को मालिकाना हक का अधिकार भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अध्यादेश अधिनियम को खत्म कर मालिकाना हक देने की पुरानी प्रक्रिया का शुरू किया जाये जिससे 582 मलिन बस्तियों के साथ नये क्षेत्र ग्रामीण की जो बस्तियां नगर निगम में जुडी है उन्हें भी मालिकाना हक का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी बस्तीवासियों को वर्ष 2000 के सर्किल रेट से स्टाम्प शुल्क लेकर मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की जाये। उन्होंने कहा कि अन्यथा सभी बस्तीवासी एकजुट होकर विरोध कर आंदोलन करेंगें।
उन्होंने कहा कि पूर्व में कांग्रेस की सरकार में दो अक्टूबर 2016 में जो नियम बनाये गये थे उनके अनुरूप चार सौ करोड़ का प्रावधान मलिन बस्तियों में रख रखाव के लिए किया गया था उसके अनुसार उस समय 70-80 लोगों को मालिकाना हक दिया गया था उसे दोबारा से शुरू किया जाये और नये नियम को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाये, अन्यथा व्यापक स्तर पर सड़कों में उतरकर आंदोलन किया जायेगा। इस अवसर पर अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड नितिन भदौरिया ने शीघ्र ही कार्यवाही करने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर अपर सचिव एवं निदेशक शहरी विकास उत्तराखंड नितिन भदौरिया से मिलने वालों में पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण, पूर्व विधायक राजकुमार शामिल रहे।