पुरुषों में भी बढ़ा स्तन कैंसर का खतरा

ब्रेस्ट कैंसर के मामले में अक्सर महिलाओं का नाम सामने आता है लेकिन हाल ही में एक शोध में खुलासा हुआ है कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पुरुषों में भी हो सकता है. इस रिसर्च में पुरुषों के लिए स्क्रीनिंग गाइडलाइन को बढ़ाने की मांग की गई है. शोध में कहा गया है कि आमतौर महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर से जुड़े बीआरसीए1 और बीआरसीए2 आनुवंशिक उत्परिवर्तन पुरुषों में भी कैंसर का जोखिम पैदा करते हैं. इसी के साथ ही ये भी कहा गया है कि ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर से जुड़े बीआरसीए1 और बीआरसीए2 आनुवंशिक उत्परिवर्तन जीन का जोखिम पुरुषों में भी हो सकता है.

रिसर्च ने किया चौंकाने वाला खुलासा 

फ्रेड हच के प्रोस्टेट कैंसर जेनेटिक्स क्लिनिक की निदेशक हीदर चेंग ने कहा कि पुरुषों को यह पता लगाने के लिए पर्याप्त आनुवंशिक परीक्षण नहीं मिल रहे हैं कि उनमें बीआरसीए1 या बीआरसीए2 जीन वैरिएंट है या नहीं. उन्‍होंने रिसर्च में ये भी कहा है कि लोग इसका कारण जानते हैं. वह हमेशा अपनी बेटियों का परीक्षण तो करवाते हैं, मगर अपने पर ध्‍यान नहीं देते. फ्रेड हच कैंसर सेंटर और वाशिंगटन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने जेएएमए ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक लेख में कहा है, नए नेशनल स्क्रीनिंग गाइडलाइन का उद्देश्य आनुवंशिक परीक्षण और स्पेशल कैंसर स्क्रीनिंग के माध्यम से पुरुषों में इन जोखिमों की पहचान करना है.

ट्रीटमेंट गाइडलाइन को लेकर कही गई है ये बात

इस रिसर्च में बीआरसीए1 या बीआरसीए2 जीन में वंशानुगत हानिकारक वेरिएंट वाले पुरुषों के लिए जांच और ट्रीटमेंट गाइडलाइन की रूपरेखा दी गई है. इसी के साथ ही इसमें पुरुष वाहकों में प्रोस्टेट, अग्नाशय और स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम पर प्रकाश डाला गया है, जो सभी बीआरसीए1 या बीआरसीए2 उत्परिवर्तन वाहकों का 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं. चेंग ने ये भी कहा है कि पुरुषों में स्क्रीनिंग बढ़ाने से शीघ्र पता लगाने के लिए अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा और बीआरसीए से संबंधित कैंसर में कमी आएगी. फिलहाल, पुरुषों के लिए मौजूदा परीक्षण दर महिलाओं की अपेक्षा मात्र दसवां हिस्सा है. टीम ने पुरुषों से अपने परिवार के कैंसर के इतिहास के बारे में चिकित्सकों से चर्चा करने की अपील की है.

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