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हौसले की जीत का आईना है काशीपुर के आयुष मौर्य की शानदार कामयाबी

न्यूज़ वायरस नेटवर्क के लिए पारुल भाटी की विशेष रिपोर्ट –

हौसले बुलंद हो तो कोई क्या नही कर सकता,फिर तो चाहे मंजिल की राह में कितनी भी बाधाएं क्यो ना आये।और बाधाएं भी एक तरफ से नही बल्कि चारो तरफ से आये ऐसे उनका सामना करके सफलता अर्जित करने वाले बिरले ही होते है।वायु सेना के जवान ने 2020 लोक सेवा संघ आयोग की परीक्षा में सफल होकर दिखा दिया है कि विपरीत परिस्थियों में भी बाजी मारी जा सकती है।बशर्ते आगे बढ़ने की हिम्मत होनी चाहिये।मूलरूप से काशीपुर उत्तराखंड के आयुष मौर्य ने 313 वीं रैंक के साथ upsc की परीक्षा उत्तीर्ण की है।

ये सफलता आयुष को पहली बार में और आसानी से नही मिली है।इसके लिए उन्होंने 3 बार प्रयास किया,तब जाकर कामयाबी मिली।अपनी इस कामयाबी का श्रेय वो अपनी मेहनत ,गुरु जन,परिवार और अपने साथियों को देते है।आयुष मौर्य भारतीय वायु सेना में कॉर्परल पद पर तैनात है,जहां वे सम और विषम परिस्थितियों में राष्ट्र सेवा करते है।वहां से जो भी समय मिलता था उसमें upsc की तैयारी किया करते थे।अब सोचिए 24 घण्टे की कड़ी ड्यूटी करने के बाद,कोई साधहरण इंसान इतना थक जाता है कि सिर्फ आराम करना चाहेगा।पर फौजी तो फौजी होता है,हर स्थिति में डटकर खड़ा रहता है।ड्यूटी करने के बाद आराम के लिए जो समय मिलता था,या घर जाने के लिए जो छुट्टी मिलती थी आयुष मौर्य उसमें पढ़ाई के लिए समय निर्धारित कर लेते थे।आयुष की माने तो वो कैसे भी करके 4 से 5 घण्टे तक समय निकाल ही लेते थे और छुट्टी में यही समय बढ़कर 10 से 12 घण्टे बढ़ जाता था।उन्होंने इस परीक्षा को क्रेक करने के लिए पिछले 3 साल से जी तोड़ मेहनत कर दी थी

।उनकी इस सफलता से उनके परिवार वाले ,उनके साथ सभी बहुत खुश है।हमने उनकी पत्नी शीतल मौर्य से बात की तो उन्होंने बताया कि जब रिजल्ट आया तो मैंने ही रिजल्ट देखा।रिजल्ट की उत्सुकता के चलते मेरे हाथ कांप रहे थे,मैंने 3 बार रोल नंबर डाला तीनो बार ही हड़बड़ाहट में गलत डाला।मैं निराश हो गयी,रोने लगी।फिर मन मे ख्याल आया कि क्यो ना एक बार नाम लिखकर देखूं तो नाम लिखते ही इनका नाम सामने आ गया।फिर तो मेरी आँखों से आँसू निकल गए।आपको बता दे,शीतल मौर्य अपने पति आयुष मौर्य की तरह राष्ट्रीय स्तर की बैड मिन्टन खिलाड़ी है।आयुष मौर्य की माता जी को तो दृढ़ विश्वास था कि इस बार उनके बेटे का चयन हो ही जायेगा।लोक सेवा संघ आयोग देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा होती है।इसे वही पास कर पाता है,जिसमे लोक सेवा की दृढ़ इच्छा और जी जान से पढ़ाई करने जज्बा हो।पहले वायु सेना में चयन और अब upsc में चयन दोनो ही सफलताओं से परिवार वाले बेहद खुश है।

आयुष मौर्य के पिता खुशी से फुले नही समा रहे है,उनका कहना है कि मेरे बेटे ने मेरा नाम देश समाज मे रोशन करके अपना हक अदा कर दिया।आयुष मौर्य की प्रार्थमिक स्कूली शिक्षा और कॉलेज की शिक्षा सभी उत्तराखंड से हुई है।वायु सेना का ये जवान हर मोर्चे में अव्वल ही आया।अब आयुष को इंतजार है कि आयोग उन्हें किस क्षेत्र में सेवा करने की जिम्मेदारी देता है।हम भी आयुष मौर्य को उनकी इस कामयाबी और उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक बधाई देते है।

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