21 सालों में शहीदों के सपनों का उत्तराखंड नहीं बना पाए – सूर्यकांत धस्माना

राज्य आंदोलनकारी 31 महिलाओं को धस्माना ने किया सम्मानित


देहरादून से कार्यकारी संपादक आशीष तिवारी की रिपोर्ट –


उत्तराखंड राज्य के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाली 31 चिन्हित राज्य आंदोलनकारी मातृशक्ति को आज गांधीग्राम में सुमति नेगी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने सम्मानित किया। इस अवसर पर सम्मानित होने वाली बुजुर्ग आंदोलनकारी महिलाओं ने उत्तराखंड कांग्रेस और कैंट विधानसभा में लगातार अपनी सक्रियता से घर घर लोकप्रिय हो रहे सूर्यकांत धस्माना को 2022 की विजय का आशीर्वाद दिया । वरिष्ठ आंदोलनकारी सुमति नेगी ने कहा कि राज्य के लिए शहादत देने वाले आंदोलनकारियों के सपने अभी अधूरे हैं ।

राज्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान देने वाली मातृशक्ति की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं है । उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्माना से कहा कि जिस प्रकार लोगों के मुद्दों के लिए संघर्ष कर रहे हैं उससे राज्य के लोगों को उनसे बहुत उम्मीद है कि 2022 की जीत सुनिश्चित कर वो प्रदेश और देहरादून की जनता के लिए बहुत कुछ नया करेंगे।
इस अवसर पर सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह उनके लिए बड़े सौभाग्य का विषय है कि उनको राज्य निर्माण की लड़ाई में सबसे अहम जिम्मेदारी निभाने वाली मातृशक्ति का सम्मान करने का मौका मिल रहा है ।

उन्होंने कहा कि राज्य की मांग के पीछे जी कारण थे और राज्य निर्माण के जो पक्षधर लोग थे उनके सरोकारों पर अगर नज़र डालें तो आज राज्य निर्माण के 21 वर्ष पूरे होने पर हमें लगता है कि राज्य निर्माण के शहीदों व आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड अभी नहीं बन पाया। उन्होंने कहा कि अगर 21 वर्षों में पहाड़ की प्रसूता बहन को हायर सेंटर जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है और जान गंवानी पड़ती है तो फिर राज्य निर्माण के लाभ हानि पर विचार करना पड़ता है।

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि रोजगार का अभाव हो या पलायन, स्वास्थ्य सेवाएं हों या शिक्षा व्यवस्था की दुर्दशा , माता बहनों के सर पर घास लकड़ी व पानी का बोझ राज्य बनने के 21 साल बाद भी अगर तस्वीर नहीं बदली है तो कैसे कहा जा सकता है कि राज्य के लिए कुर्बानियां देने वालों के सपने पूरे हुए है। धस्माना ने मातृशक्ति को विश्वास दिलाते हुए कहा कि वे अपनी पूरी शक्ति से राज्य के लिए कुर्बानियां देने वालों के सपनों को साकार करने में अपना पूर्ण योगदान देंगे।


इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन कर रहे राज्य आंदोलनकारी कुलदीप जखमोला ने कहा कि यह संयोग है कि उत्तराखंड राज्य के लिए प्रथम रिपोर्ट जो उत्तरप्रदेश की सरकार ने स्वीकार की थी उस राज्य निर्माण समिति की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आज हमारे कार्यक्रम में मातृशक्ति को सम्मानित कर रहे हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी पूर्व पार्षद व शहीद गिरीश भद्री के बड़े भाई ललित भद्री, आकाश नेगी, सन्नी धीमान, हरीश लखेड़ा,श्रीमती जया गोलानी,श्रीमती बबिता शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


आज जिनको सम्मानित किया गया उनमें प्रमुख रूप से श्रीमती गंगोली भंडारी ,श्रीमती सुमति भंडारी,सरोज पसबोला,सतेश्वरी नेगी,शाकुंभरी रावत,प्रभा असवाल,लीला रावत,शोभा रावत,सुमति नेगी,मुन्नी रावत,भुन्द्रा रावत,सतेश्वरी डोभाल,मुन्नी रावत, पार्वती डोभाल, बिमला कुकरेती, बिमला थपलियाल,बसंती डबराल, विजया डोभाल,पीताम्बरी रानाकोटी,पुष्पा गौड़, हेमा कुकरेती, ललित मोहन डबराल, कमला जखमोला,आनंदी पोखरियाल,राजेश डोबरियाल,सतेश्वरी बलोधी,उर्मिला उनियाल, हुम्मा पंवार,कमला कंडवाल व पूर्व पार्षद ललित भद्री, कुलदीप जखमोला व अनिल डोबरियाल को सूर्यकांत धस्माना ने शाल उढा कर और पुष्प माला से सम्मानित किया ।

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