देश में मोबाइल एक बीमारी बन चुकी है। खासकर ये लत आजकल बच्चों में बहुत ज्यादा देखी जा रही है। लेकिन परिजन इसका उपाय नहीं खोज पा रहे हैं। न चाहते हुए पढ़े लिखे और माध्यम वर्ग में बचे इस लत के आदी हो रहे हैं। लेकिन आपको एक गाँव की बात बताते है जिसने जिसने इसका तोड़ निकाल लिया हैइस तरह का पहला अनोखा फैसला
महाराष्ट्र में यवतमाल के एक गांव में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एक ग्राम पंचायत अधिकारी ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि यह राज्य में इस तरह का पहला फैसला हो सकता है। गांव के सरपंच गजानन ताले ने कहा कि जिले के पुसद तालुका के बंसी गांव में ‘18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मोबाइल फोन नहीं’ का फैसला 11 नवंबर को लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा के लिए बच्चों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना शुरू किया था। इसके बाद उन्हें मोबाइल फोन की आदत लग गई और वे विभिन्न साइट देखने लगे तथा ऑनलाइन गेम खेलने के लिए ज्यादातर समय इस पर बिताने लगे।”सरपंच ने दावा किया, ‘‘इसलिए, हमने बंसी ग्राम पंचायत में 18 साल से कम उम्र के बच्चों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया। यह ऐसा फैसला लेने वाली महाराष्ट्र की पहली ग्राम पंचायत बन गई है।” उन्होंने कहा कि निर्णय को लागू करने में शुरुआती मुद्दे हो सकते हैं लेकिन इस कदम को सफल बनाने के लिए माता-पिता और बच्चों दोनों को सलाह दी जाएगी। सरपंच ताले ने कहा, ‘‘परामर्श के बाद भी यदि हम बच्चों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते देखेंगे तो हम जुर्माना लगाएंगे।”