आपके अपने मोबाइल गैलरी में रखी फोटो अब कभी भी आपके लिए खतरे की घंटी बजा सकती है। ये बात सही है कि आपने अपने कैमरे को लॉक किया हुआ है। उसमें स्ट्रांग पासवर्ड भी डाला है, लेकिन इन साइबर क्रिमिनल्स को इन सब चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ता। दिल्ली एनसीआर में काम कर रहा है साइबर लुटेरों का ये गैंग एप डाउनलोडिंग के नाम पर आपके मोबाइल में रखी फोटो और दूसरे डाटा पर कब्जा कर रहा है और आप खुद ही अंजाने में इन्हें ये करने की परमिशन भी दे रहे हैं। अभी दो दिन पहले ही उत्तराखंड पुलिस ने बड़े साइबर गैंग का खुलासा करते हुए फ़र्ज़ी लोन एप की आड़ में लूटकांड करने वाले जिस गिरोह का खुलासा किया है उनके भी तार चाइना से जुड़े बताये गए हैं ऐसे में न्यूज़ वायरस आपको भी सचेत कर रहा है कि किसी तरह की नादानी आपको भारी पड़ सकती है। आपने शायद ध्यान दिया हो तो जब भी आप अपने मोबाइल में कोई भी ऐप डाउनलोड करते हैं तो आपके पास रिक्वेस्ट आती है। वो रिक्वेस्ट होती है कि इस कंपनी को आपके मोबाइल में रखे डाटा तक पहुंचने का अधिकार होगा। आप उस ऐप को डाउनलोड ही तब कर सकते हैं जब आप ओके के बटन को दबा देंगे। यानी आप उस ऐप को परमिशन दे देते हैं आपके मोबाइल में रखे पूरे डाटा को इस्तेमाल करने की। अब आपके मोबाइल में ऐप डाउनलोड तो हो गया, लेकिन साइबर ठगों को मौका मिला गया आपके डाटा तक पहुंचने का। आपके मोबाइल में रखी फोटो भी अब उनके कब्जे में हैं।लोन ऐप पर हो रहा है फर्जीवाड़ा
मध्य प्रदेश के एक शख्स के साथ बिल्कुल ऐसा ही हुआ। जिस शख्स को लोन की जरुरत थी उसने अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से क्लाउड नाम का एक लोन ऐप डाउनलोड किया। डाउनलोडिंग के समय ऐप कंपनी ने उससे कॉलिंग लिस्ट, फोटो गैलरी और मैसेज तक पहुंचने की परमिशन मांगी। पीड़ित ने ओके बटन दबाया और ऐप डाउनलोड हो गया। ऐप के ही माध्यम से उसने 32 हजार रुपये का लोन लिया। अब तक सब कुछ ठीक था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही कुछ लोगों का उसके पास फोन आया वो लोग पैसे की मांग करने लगे। ये साइबर क्रिमिनल्स का फोन था। पीड़ित के मोबाइल में रखी सारी फोटो इनके पास थीं और इन लोगों ने उन फोटो को एडिट करके उसको ब्लैकमेल करना शुरू किया। इतना ही नहीं इन क्रिमिनल्स ने उन अश्लील फोटो को फोन में सेव सभी नंबरों पर भी भेज दिया। ये क्रिमिनल्स उन कॉन्टेक्ट नंबर पर फोन करके अश्लील बातें करने लगे।चीन में है इस कंपनी का सर्वर
इस शिकायत के बाद इंदौर की क्राइम ब्रांच टीम ने जांच शुरू की और फिर इसके तार जुड़े मिले दिल्ली और एनसीआर में काम कर रही एक लोन ऐप कंपनी से । दिल्ली एनसीआर में कुछ लोग एक कंपनी बनाकर लोगों के साथ साइबर ठगी का काम कर रहे थे। इस कंपनी का सर्वर चाइना में था। ये लोग लोन ऐप बनाकर लोगों को ठग रहे थे। जो लोग ऐप डाउनलोड करते उनका सारा डाटा चाइना में इस कंपनी के सर्वर तक पहुंचता। सर्वर के जरिए चीन से वो फोटो वापस इन लोगों के पास आती जो यहां बैठकर चाइना की इस कंपनी के लिए काम कर रहे थे। इसके बाद शुरू होता ब्लैकमेलिंग का धंधा। फोटो को एडिटिंग की मदद से अश्लील बनाया जाता और फिर उस शख्स को धमकी दी जाती और पैसे की मांग की जाती। फिलहाल पुलिस ने गुरुग्राम के रहने वाले राजकमल कुमार को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में ही पता चला कि इस गैंग के कई और लोग यहां दिल्ली-एनसीआर में काम कर रहे हैं। पुलिस इस गैंग के दूसरे लोगों को तलाशने में जुटी हुई है। आप से भी कहनी ऎसी ठगी न हो जाए लिहाज़ा एहतियात बरतते हुए ही अपने फ़ोन का इस्तेमाल करें।