मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेस्को और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के माध्यम से राज्य के 6 पर्वतीय जनपदों के गांवों में निर्मित 15 ग्राम सेतुओं का वर्चुअल उद्घाटन किया। उत्तराखंड के 6 जनपदों में इन 15 पुलों का निर्माण किया गया है। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, हेस्को के संस्थापक एवं पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, आईसीआईसीआई फाउण्डेशन के अध्यक्ष सौरभ सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में नदी नाले हैं, जिनके चारों तरफ गांव बसे हैं। जब इन नदियों और गाद गदेरों को पार करना पड़ता है, तो यह एक बहुत बड़ा संकट भी होता है। मानसून अवधि में पहाड़ में जनजीवन बहुत प्रभावित होता है। पर्वतीय क्षेत्रों में लोगों के जन जीवन को सामान्य करने की दिशा में हेस्को ने आईसीआईसी फाउंडेशन के साथ मिलकर सराहनीय पहल की है। इनके सहयोग से पर्वतीय जनपदों में 15 पुलों का निर्माण हुआ है। जिससे 64 गांव जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के कार्य व्यापक स्तर पर होने चाहिए। उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए सामाजिक संगठन एवं संस्थाएं अहम भूमिका निभा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 पुल जो राज्य के विभिन्न जगहों पर बने हैं, जिला अधिकारियों के लिए भी अनुप्रयोग होंगे। जिलाधिकारी भी इनका संज्ञान लेते हुए ग्राम व पंचायत स्तर पर इस कार्य को बढ़ावा देने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग हिमालय के प्रति जो गंभीरता जताते हैं, उनमें इस तरह के प्रयोगों की आवश्यकता उन्होंने भी महसूस की होगी। आने वाले समय में नीति आयोग भी उत्तराखंड राज्य में होने वाले इन प्रयोगों को अपनी योजनाओं में सम्मिलित कर एक आदर्श राज्य बनाने में हमारे लिए एक बड़ा सहायक और पथ प्रदर्शक सिद्ध होगा।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास के लिए जितना संभव हो सके, नीति आयोग द्वारा मदद की जायेगी। उन्होंने उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए की गई इस सराहनीय पहल के लिए हेस्को और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के कार्यों की सराहना की। डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए समाज, सरकार एवं उद्यम को मिलकर कार्य करें तो राज्य तेजी से आगे बढ़ेगाहेस्को के संस्थापक एवं पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड में अनेक संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। विज्ञान ही विकास की दशा और दिशा तय करता है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर हमें विशेष ध्यान देना होगा। विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में सभी संगठनों का सहयोग लेकर राज्य को आगे बढ़ाना होगा।