गठिया का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में बुजुर्गों को होने वाली बीमारी है, यो ख्याल सबसे पहले आता है। लेकिन जरूरी नहीं है कि गठिया सिर्फ बुजुर्गों को ही हो। आधुनिक समय में लोगों के बदलते खानपान, रहन-सहन की वजह से वयस्कों और बच्चों को भी गठिया की परेशानी होने लगती है। बात अगर बच्चों की कि जाए, तो बच्चों को होने वाली गठिया की परेशानी को जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के नाम से जाना जाता है। सबसे बड़ी बात है कि इस गठिया की समस्या को लेकर अधिकतर लोग अनजान हैं। इसलिए शायद कम ही लोगों को पता हो कि बच्चों को भी गठिया की समस्या हो सकती है।
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के स्पष्ट कारणों के बाते में फिलहाल अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालांकि, कुछ रिसर्च और रिपोर्ट्स द्वारा बताया गया है कि इस अर्थराइटिस का कारण आनुवंशिकी (बीमारी विरासत में मिल सकती है) हो सकता है। इसके अलावा कुछ संक्रमण और पर्यावरणीय कारणों की वजह से भी बच्चों को अर्थराइटिस की परेशानी हो सकती है, जो अधिकतर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले बच्चों को अधिक प्रभावित करती है।जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के लक्षण
बच्चों में होने वाली अर्थराइटिस की परेशानी काफी रेयर है। ऐसे में इसके लक्षणों पर अधिकतर लोग ध्यान नहीं देते हैं। इसलिए अगर आपके परिवार में किसी को अर्थराइटिस की परेशानी है, तो अपने बच्चों के लक्षणों पर भी जरूर ध्यान दें। आइए जानते हैं बच्चों में अर्थराइटिस के लक्षण क्या होते हैं?
- जोड़ों में सूजन, दर्द और सेंसेशन सा महसूस होना।
- अर्थराटिस से ग्रभावित ज्वाइंट्स में गर्माहट महसूस होना।
- सुबह के समय जोड़ों में काफी टाइट-टाइट का सा महसूस होना।
- बच्चों का लंगड़ा कर चलना।
- अधिक या फिर सामान्य तामपान का बुखार आना
- बिना वजह खरोंच आना
- थकान और चिड़चिड़ापन काफी ज्यादा बढ़ना
- काफी तेजी से बच्चे का वजन गिरना
- लसीका ग्रंथियों (lymph nodes) में सूजन आना।
- आंखों में दर्द, लालिमा और धुंधली दृष्टि होना, इत्यादि।
- बच्चों में अर्थराइटिस की समस्या होने पर उनकी आंखें खराब हो सकती है। साथ ही उनका विकास दर भी कम हो सकता है। ऐसे में अगर आपको बच्चों के
शरीर में इस तरह के लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। - जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस के बचाव के टिप्स
- जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस का जड़ से इलाज संभव नहीं है। ऐसे में इस परेशानी के लक्षणों को कम करने के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं, जो निम्न हैं।
- डॉक्टर दर्द, सूजन और रेडनेस कम करने वाली दवाएं लिखते हैं, जिसे आप नियमित रूप से लें।
- बच्चों के जोड़ों को लचीला बनाने के लिए आप उन्हें रोजाना एक्सरसाइज कराएं।
- जोड़ों और मांसपेशियों को मजबूत करने वाले आहार औप सप्लीमेंट्स दें।
- लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाने की कोशिश करें।
जुवेनाइल इडियोपैथिक अर्थराइटिस बच्चों में होने वाली गठिया की समस्या है। इसका सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है। ऐसे में इसके लक्षणों को पहचानकर बच्चे का तुरंत इलाज कराएं, ताकि इसकी गंभीरता को कम किया जा सके।