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राम मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपये देगी कांग्रेस सरकार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में प्राचीन राम मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. सिद्धारमैया के इस कदम को लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में हर हिंदुत्व आंदोलन बीजेपी के पक्ष में चला गया है, जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है. वहीं, अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या सोनिया गांधी समेत किसी भी बड़े कांग्रेस नेता के शामिल न होने से भी पार्टी के खिलाफ नकारात्मक संदेश गया है. ऐसे में कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. अक्सर नास्तिक कहे जाने वाले कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया भी मंदिरों में नजर आते हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस कर्नाटक में बीजेपी के 28 सीटें जीतने के दावे पर दांव लगा रही है.

सिद्धारमैया पर हिंदू विरोधी होने का आरोप है. कई बार लोग उन्हें नास्तिक भी कहते हैं. ऐसे में हाल ही में वह बेंगलुरु के महादेवपुरा इलाके में एक राम मंदिर का उद्घाटन करने पहुंचे थे. अब सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के करीब 100 पुराने मंदिरों के जीर्णोद्धार की योजना बनाई है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

यह घोषणा वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के दौरान होने की उम्मीद है, इन परियोजनाओं को हिंदू धार्मिक संस्थानों और बंदोबस्ती विभाग की योजनाओं में शामिल करने पर चर्चा चल रही है. मुजराई मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, “हमने नवीनीकरण के लिए धन आवंटन के लिए मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव दिया है. यह राम मंदिर पर राजनीति नहीं है, हम राज्य के उन मंदिरों को बेहतर बनाना चाहते हैं जहां लोग लंबे समय से पूजा करते आ रहे हैं.’ यह परियोजना केवल राम मंदिरों तक ही सीमित नहीं है, इस प्रस्तावित योजना के तहत अन्य मंदिरों का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा.

कांग्रेस ने अपने धन आवंटन का बचाव करते हुए कहा कि यह प्राचीन विरासत स्थलों को संरक्षित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. पार्टी ने एक ट्वीट में कहा, ‘सरकार ने प्राचीन राम मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 100 करोड़ रुपये रखे हैं. राम कर्नाटक में भी हैं. इस संबंध में हमारी सरकार ने प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए कदम उठाया है. ईश्वर और धर्म हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं हैं; यह केवल आस्था और भक्ति का आध्यात्मिक मार्ग है.

कहा जा रहा है कि अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा के बाद कांग्रेस ने प्रदेश में गुप्त सर्वे कराया है. इस सर्वे में जो अहम मुद्दा सामने आया उनमें से एक था राम मंदिर, इसलिए इसे सुलझाने के लिए सिद्ध सरकार ने मंदिरों को 100 करोड़ रुपये जारी करने का प्रावधान किया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक में 25 सीटें जीती थीं. जबकि एक सीट पर बीजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार (मांड्या से सुमलता अंबरीश) ने जीत हासिल की. कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) ने एक-एक सीट जीती. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन में थे, इस बीच जेडीएस ने कांग्रेस के साथ कर्नाटक में सरकार बनाई थी, लेकिन कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद इस बार लोकसभा चुनाव में जेडीएस ने एक बार फिर बीजेपी से हाथ मिला लिया है.

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