ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ भारत में नए खतरे बढ़ा रहे कोरोना वायरस की वजह से कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर फरवरी में आ सकती है। ये दावे आईआईटी के डाटा वैज्ञानिक दल ने किए हैं। उनके अनुसार तीसरी लहर में 1 से 1.5 लाख तक अधिकतम मामले प्रतिदिन आ सकते हैं। अध्ययन दल में शामिल डाटा वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने बताया कि इस बड़े आंकड़े के पीछे ओमिक्रॉन ही हो सकता है।
लॉकडाउन से मिलेगी मदद
अग्रवाल ने कहा कि पिछली बार रात के कर्फ्यू और भीड़ भरे आयोजनों को रोकने से संक्रमितों की संख्या में कमी लाई गई थी। आगे भी हल्के स्तर पर लॉकडाउन लगाकर इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।
डीएसटी के सूत्र-मॉडल को अभी न टालें
विज्ञान एवं तकनीक विभाग ने सूत्र-मॉडल प्रस्तुत किया था, जिसमें वायरस का कोई नया वैरिएंट आने पर तीसरी लहर के अक्तूबर में आशंका जताई गई थी। हालांकि नवंबर आखिरी हफ्ते में नया वैरिएंट ओमिक्रॉन सामने आया है। इसलिए विभाग के मॉडल में जताई आशंका पूरी तरह खत्म नहीं होती, केवल समय बदल सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ टीकाकरण को बताया मील का पत्थर
देश में 50 फीसदी से अधिक पात्र आबादी का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देशवासियों से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए इस गति को बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत ने एक और महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार कर लिया है। देश में सोमवार को कोरोना संक्रमण के 8,306 नए मामले सामने आए, इसके साथ ही 211 मौतें दर्ज की गईं।