पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। उसके बाद से हर तिमाही में जीडीपी में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। हालांकि कुछ आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल जीडीपी 7.4 प्रतिशत की गिरावट की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिख रही है।
दहाई अंक में रहेगी विकास दर: सीईए
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) के वी सुब्रमण्यम का कहना है कि इस वृद्धि को हम खारिज नहीं कर सकते हैं। दूसरी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग से लेकर सेवा क्षेत्र तक में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर दहाई अंक में रहेगी तो अगले वित्त वर्ष 2022-23 में यह विकास दर 6.5-7.0 प्रतिशत रह सकती है। उसके बाद के वित्त वर्ष में सात प्रतिशत की विकास दर रह सकती है।
एसएंडपी ने विकास अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने मंगलवार को चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 9.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। उसने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत वायरस के साथ जीना सीख रहा है।
अर्थव्यवस्था सुधर रही है और उपभोक्ताओं के साथ-साथ व्यावसायिक वर्ग में आत्मविश्वास बढ़ रहा है। बढ़ती महंगाई चिंता का विषय जरूर है, लेकिन बढ़ती मांग विकास को लगातार रफ्तार दे रही है। रिपोर्ट में में अगले वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास के अनुमान को 7.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान एसएंडपी ने विकास के अनुमान को 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया है।