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कोरोना की वजह से इससे लोगों के बीच भय का माहौल बन गया है. (फाइल फोटो)
कोविड महामारी को देखते हुए ‘चारधाम यात्रा’ (Chardham Yatra) को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. बिना तीर्थयात्रियों के केवल अनुष्ठान किए जा रहे हैं.
देहरादून. देश के अन्य राज्यों के साथ- साथ उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी रोज कोरोना वायरस (Corona virus) के हजारों मरीज सामने आ रहे हैं. साथ ही रोज कई मरीजों की मौत हो रही है. इससे लोगों के बीच भय का माहौल बन गया है. वहीं, कोरोना का असर, पर्यटन और तीर्थ स्थानों पर भी पड़ा है. इसी बीच खबर है कि कोविड महामारी को देखते हुए ‘चारधाम यात्रा’ (Chardham Yatra) को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. बिना तीर्थयात्रियों के केवल अनुष्ठान किए जा रहे हैं. दरअसल, 11 वें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आज यानी 17 मई को सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खुल गए. इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल के तहत तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हककूधारियों को ही मंदिर में जाने की अनुमति रही. बाबा केदारनाथ की पूजा अर्चना सुबह 3 बजे से शुरू हो गयी थी. जबकि कोविड नियमों के कारण सीमित लोग ही ऐतिहासिक पल के गवाह बन सके. घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगीबाबा केदारनाथ के मंदिर को 11 कुंतल फूलों से सजाया गया है. मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से हुई. बता दें कि कोरोना की वजह से केदारनाथ मंदिर में अभी भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए इस बार चारधाम यात्रा में आम लोगों के आने पर पाबंदी रहेगी. मंदिर परिसर में न तो प्रसाद बांटने की इजाजत होगी और न ही टीका लगाने की. गर्भगृह तक सिर्फ मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों को ही जाने की अनुमति रहेगी. उसमें भी मूर्ति, घंटी या धार्मिक ग्रंथों को छूने की इजाजत नहीं मिलेगी. निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ धाम के कपाट आज सोमवार को प्रातः 5 बजे विधि-विधान से पूजा-अर्चना और अनुष्ठान के बाद खोल दिए गए हैं. मेष लग्न के शुभ संयोग पर मंदिर का कपाटोद्घाटन किया गया. मैं बाबा केदारनाथ से सभी को निरोगी रखने की प्रार्थना करता हूं.
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