क्या आप जानते हैं बैक्टीरिया और वायरस में क्या अंतर और समानता है ?

बैक्टीरिया और वायरस में क्या फर्क होता है , ये कहाँ से आते हैं , हमें बीमार कैसे कर देते हैं , वायरस अधिक खतरनाक है या बैक्टीरिया , इनके कारण होने वाली बीमारी कैसे ठीक हो । ये प्रश्न आजकल कोरोना वायरस और अन्य बीमारियों के कारण सबके मन में उठ रहे हैं। बच्चे भी पेरेंट्स से ये सवाल कर रहे हैं। आइये आसान भाषा में इन्हे जाने –

बेक्टीरिया और वायरस में बहुत फर्क होता है। इन दोनों की बनावट , कार्यप्रणाली तथा संख्या बढ़ोतरी सभी में बहुत अंतर होता है। हालाँकि ये दोनों ही हमें बीमार बना सकते हैं। बैक्टीरिया की अपेक्षा वायरस का आकार बहुत छोटा होता है। बैक्टीरिया को साधारण माइक्रोस्कोप से देखा जा सकता है लेकिन वायरस को देखने के लिए इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप की जरुरत पड़ती है।

बैक्टीरिया और वायरस में अंतर

बेक्टीरिया एक कोशिका वाले जीवाणु होते हैं। ये लगभग सभी जगह पाए जाते हैं जैसे हवा , मिटटी , पानी , पेड़ पौधों , जानवरों तथा इंसानों में भी। माइक्रोस्कोप से देखने पर बैक्टीरिया का आकार किसी छड , गोलाकार , स्प्रिंग की तरह घुमावदार जैसा दिखता है। अनुकूल वातावरण में ये तेजी से अपनी संख्या बढ़ा सकते हैं। बेक्टीरिया के कारण हमें टीबी , युटीआई , स्ट्रेप थ्रोट या फ़ूड पॉइज़निंग जैसे संक्रमण होते हैं।

अधिकतर बैक्टीरिया नुकसानदायक नहीं होते। एक प्रतिशत से भी कम ऐसे होते है जो नुकसानदायक हो सकते हैं। कुछ तो  फायदेमंद भी होते हैं जैसे आतों में मौजूद बैक्टीरिया पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं। दही , छाछ आदि भी हमें बैक्टीरिया के कारण ही प्राप्त हो पाते हैं। बैक्टीरिया को वायरस की तरह किसी अन्य होस्ट कोशिका की जरुरत नहीं होती। ये बाहरी वातावरण में भी जीवित रह सकते हैं।

वायरस बिना होस्ट कोशिका ( इन्सान , जानवर , पेड़ पौधे आदि ) के बाहरी वातावरण में जिन्दा नहीं रहते। ये परजीवी होते है। किसी प्राणी में प्रवेश के बाद ये बड़ी आसानी से फ़ैल जाते हैं और शरीर को बीमार बना देते हैं। यह बीमारी साधारण से लेकर गंभीर तक हो सकती है। अधिकतर वायरस बीमारी का कारण बनते हैं। वायरस अन्य जीव की कोशिका में प्रवेश करके खुद के जैसे वायरस बनाकर अपनी संख्या बढ़ाता है। इस प्रक्रिया में वह कोशिका में मौजूद तत्व काम ले लेता है।

फ्लू  , एड्स , हर्पीज , चिकन पॉक्स आदि बीमारी का कारण वायरस होते हैं।

टीका लगवाने से वायरस के संक्रमण से बचाव हो सकता है . यह टीका खुद हमारे शरीर में उस वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का निर्माण कर देता है। इसलिए फ्लू , चिकन पॉक्स आदि बीमारी टीका लगवाने के बाद नहीं होती है।

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