न्यूज़ वायरस के लिए महविश की रिपोर्ट
प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, वह हर मेहनतकश के हाथ में होती है. इस बात को 10वीं के एक स्टूडेंट ने कोडिंग कॉन्टेस्ट जीतकर सही साबित कर दिया है. महाराष्ट्र नागपुर के रहने वाले वेदांत देवकते की उम्र महज 15 साल है. लेकिन उन्होंने अपनी प्रतिभा के दम पर सबको हैरान कर दिया है. एक कोडिंग कॉन्टेस्ट जीतने के बाद उन्हें अमेरिकी कंपनी से 33 लाख के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला. लेकिन उम्र कम होने की वजह से नौकरी जॉइन नहीं कर पाए.वेदांत देवकते महाराष्ट्र नागपुर के रहने वाले हैं. वो 10वीं के छात्र हैं. वेदांत बताते हैं, “लॉकडाउन के दौरान क्लासेस बंद थीं. तभी मैंने प्रोग्रामिंग लैंग्वैजेस इंटरनेट पर सीख ली थीं. कुछ बेवसाइट पर और कुछ यूट्यूब से देख-देख कर मैंने प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के 24 सर्टिफिकेट किए हैं. इसी बीच मुझे इंस्टाग्राम पर स्क्रॉल करते हुए कम्पटीशन का एक लिंक मिला. फिर उस पर जाकर चेक करने पर पता चला कि ये बेवसाइट डेवलपमेंट का काम है.”वो बताते हैं कि बेवसाइट डेवलपमेंट मैं सीख चुका था. इसलिए इस कम्पटीशन में अप्लाई किया. इसके बाद मैंने उन्हें एक बेवसाइट animeeditor.com डेवलप करके भेजी थी. जिससे मेरा सिलेक्शन हुआ.
ऐसे हुआ सिलेक्शन
वेदांत देवकते ने जिस कम्पटीशन में हिस्सा लिया था उसमें लगभग 1000 लोग शामिल थे. इस कम्पटीशन में अपनी बनाई हुई वेबसाइट animeeditor.com विकसित करके भेजी थी. जिसके बाद कंपनी वालों को मेरी वेबसाइट पसंद आ गई. इस तरह 1000 लोगों में मैं फर्स्ट रैंक लाया. उन्होंने मुझे बताया कि एचआरडी टीम में एक पोस्ट के लिए सेलेक्ट हो गए हैं. उसके बाद वेदांत ने स्कूल के टीचर्स को बताया कि मेरा सेलेक्शन हुआ है.
स्कूल ने दी घरवालों को जानकारी
वेदांत बताते हैं कि मुझे थोड़ा डाउट था कि ये सही है या नहीं. इसके लिए मैंने स्कूल के टीचर्स को इसके बारे में बताया. टीचर्स ने वेदांत के माता-पिता को फोन लगाकर ये बताया कि आपके बेटे ने एक कम्पटीशन में फर्स्ट रैंक हासिल किया है. उसे अमेरिकी कंपनी की तरफ से नौकरी का प्रस्ताव भेजा गया है. लेकिन ये प्रस्ताव सही है या नहीं इसको लेकर कंफ्यूजन था. जिसके बाद टीचर्स और वेदांत ने कंपनी के बारे में जानकारी हासिल की. कंपनी से बात करने के बाद वे आश्वस्त हुए.
सपनों की नौकरी
वेदांत के माता-पिता दोनों प्रोफेसर हैं. पिता एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट के प्रोफेसर हैं और मां कंप्यूटर साइंस की प्रोफेसर हैं. वेदांत के पिता राजेश देवकते से बातचीत करने पर उन्होंने बताया, “वेदांत अभी 15 साल का नहीं हुआ है. लॉकडाउन के दौरान सारी पढ़ाई ऑनलाइन हो जाने की वजह से वो अपनी मां के पुराने लैपटॉप पर पढ़ाई किया करता था. इसी बीच उसने कोडिंग सीखने के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के सर्टिफिकेट जीत लिए थे. उसके बाद 3 जुलाई को उसने इस कम्पटीशन के लिए अप्लाई किया था. जिसके बाद 13 जुलाई को कंपनी ने उसे एचआरडी टीम में एक पद पर नौकरी का प्रस्ताव दिया.