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फरवरी 2022 तक कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका – नेशनल कोविड सुपर मॉडल कमेटी

कोरोना वायरस के बदलते स्वरूप ने लोगों को परेशान कर दिया है। साल की शुरुआत में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने देश और दुनिया में लोगों को अपनी चपेट में लेकर बेहद तबाही की थी। अब कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। एक हालिया स्टडी में कहा जा रहा है कि कोराना का यह नया वेरिएंट सार्स-सीओवी-2 की तुलना में 70 गुना तेजी से फैलता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना का यह नया वेरिएंट यूरोप समेत लगभग 77 देशों में फैल चुका है।भारत में भी इस वैरिएंट ने दस्तक दे दी है, जहां ओमिक्रॉन के 143 नए मामले सामने आए हैं। इस बीच नेशनल कोविड सुपर मॉडल कमेटी ने फरवरी 2022 तक कोविड की तीसरी लहर आने की आशंका जताई है। कोरोना के इस नए वैरिएंट ने देश में एक बार फिर से डर का माहौल पैदा कर दिया है। एक ओर सभी स्कूल और संस्थान खोले जा चुके हैं तो दूसरी ओर ओमिक्रॉन के भय से अब इन कदमों को फिर से रोक दिया है।

आखिर ओमिक्रॉन से विशेषज्ञों में इतनी चिंता क्यों है, इस विषय पर गंगा राम अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट एंड वाइस चेयरमैन क्रिटिकल केयर एंड इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर प्रकाश एस शास्त्री मीडिया को बताते हैं कि किस तरह ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक है और इसका सामना कैसे करें। उनका कहना है कि भारत के लोग इस वायरस से परेशान नहीं हो बल्कि इसके साथ जीना सीखें।

इस तरह का वायरस भारत के लोगों को ज्यादा परेशान नहीं करेगा। कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने भारत में जितनी तबाही मचाई है उससे ज्यादातर लोगों की इम्यूनिटी स्ट्रांग हो चुकी है, इसलिए भारत में लोगों को अब घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन सच तो ये भी है कि लापरवाही से हम इस हालात को कहीं गंभीर न बना दें , लिहाज़ा सावधानी बेहद ज़रूरी है। 

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