सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जीएसटी कंपनसेशन को वर्ष 2022 के बाद भी जारी रखने में सहयोग का अनुरोध किया
केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पापुलेशन भी शामिल किया जाए : सीएम
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा है कि नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में पार्टनर की भूमिका निभा रहा है। नीति आयोग, उत्तराखण्ड के विकास में अधिक से अधिक मददगार बनने के लिए संकल्पित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीएसटी कम्पनसेशन को वर्ष 2022 के बाद भी जारी रखने में सहयोग का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजनाओं के मानकों में फ्लोटिंग पापुलेशन भी शामिल किया जाए। सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकारों और राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक में उत्तराखण्ड के सुनियोजित विकास पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में भागीदार
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार ने कहा कि नीति आयोग उत्तराखण्ड के विकास में भागीदार की भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार की विकास से संबंधित हर सम्भव सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों पर राज्य सरकार के पक्ष पर नीति आयोग केंद्र सरकार के मंत्रालयों से बात करेगा। राज्य सरकार के संबंधित अधिकारी भी निरंतर फॉलो अप करें।
जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाए
डा. राजीव कुमार ने कहा कि राज्य के विकास के लिए सेक्टरवार प्लान व समग्र प्लान बनाया जाए। उत्तराखण्ड में जिलावार एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) निर्धारित करने को अच्छा कदम बताते हुए कहा कि जिलों में विकास की प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण संकेतकों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इनकी लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है।
जमीनी स्तर पर प्रक्रियागत सरलीकरण
नीति आयोग उपाध्यक्ष ने जमीनी स्तर पर प्रक्रियागत सरलीकरण की आवश्यकता बताई। निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों में जो मंजूरियां लेनी होती हैं, उनका सरलीकरण करने के साथ ही जहां तक सम्भव हो कम किया जाए।
नेचुरल फार्मिंग पर फोकस किया जाए
आर्गेनिक फार्मिंग के साथ ही नेचुरल फार्मिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इससे किसानों की आय को दोगुनी करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने प्रत्येक ब्लॉक में एक गांव के प्राकृतिक कृषि के लिए समर्पित करने का सुझाव दिया।
डा. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्कूली शिक्षा की बेहतर स्थिति है। परंतु उच्च शिक्षा के लिए बेहतर शिक्षण संस्थाएं कम हैं। छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा राज्य में ही प्राप्त हो सके। इस ओर भी ध्यान दिया जाए। नदियों के पुनर्जीवन पर भी काफी काम किया जा सकता है। इसमें नीति आयोग नमामि गंगे से राज्य को सहायता को दिलवाने के लिए प्रयास करेगा।
फारेस्ट क्लीयरेंस के सरलीकरण के लिए केन्द्र से बात करेगा नीति आयोग
डा राजीव कुमार ने बैठक में दिये गये राज्य के प्रस्तुतीकरण को ध्यान से सुनते हुए कहा कि फोरेस्ट क्लीयरेंस की प्रक्रिया को सरल किये जाने की जरूरत है। इस संबंध में राज्य सरकार के जो भी सुझाव हैं, नीति आयोग को भेजे। इस संबंध में केन्द्र से बात की जाऐगी। उन्होंने नेशनल पार्को में हाथियों और टाईगर की संख्या में बढोतरी को देखते हुए इनकी केरिंग केपेसिटी का आंकलन किए जाने पर सहमति व्यक्त की।
सतत विकास और अंत्योदय राज्य सरकार की सबसे बङी प्राथमिकता : सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीति आयोग उपाध्यक्ष डा. राजीव कुमार और उनकी टीम का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि आगामी 9 नवम्बर को उत्तराखण्ड 21 वर्ष का होने जा रहा है। प्रधानमंत्री ने हमें लक्ष्य दिया है कि 2025 में जब उत्तराखण्ड 25 वर्ष का होगा तो आदर्श विकसित राज्य हो। केंद्र व राज्य सरकार मिलकर उत्तराखण्ड के तेजी से विकास के लिए काम कर रही हैं।
इस अवसर पर नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार डाॅ नीलम पटेल, अनुराग गोयल, नीति आयोग उपाध्यक्ष के निजी सचिव रवीन्द्र प्रताप सिंह, सलाहकार अविनाश मिश्रा, डा प्रेम सिंह, उत्तराखण्ड की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, आनंद वर्धन सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सचिव नियोजन डॉ बी वी आर सी पुरुषोत्तम ने प्रस्तुतीकरण दिया।