उत्तराखंड कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाते हुए पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अकील अहमद को पार्टी से छह साल के लिए बाहर कर दिया है.उत्तराखंड के चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने के बयानों संबंधी जो आरोप लगाए थे, उनके केंद्र में अहमद आए थे.इस मामले को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार उठाते रहे हैं और एक से ज़्यादा बार कह चुके हैं कि उत्तराखंड में कांग्रेस के हारने के प्रमुख कारणों में एक यह मुद्दा रहा.इन दिनों भी यह मुद्दा फिर उछला हुआ है, जिसे लेकर रावत चुनौती भरे अंदाज़ राजनीति से संन्यास लेने की धमकी तक दे रहे हैं।
आखिरकार वही हुआ जिसका अनुमान लगाया जा रहा था प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर हरीश रावत के लगातार विरोध के बाद कांग्रेस ने अकील अहमद पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी के पदों के साथ ही प्राथमिक सदस्यता से भी छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है.कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मथुरादत्त जोशी ने एक पत्र जारी करते हुए यह आदेश दिया, जिसकी प्रति को एक ट्वीट के माध्यम से जारी किया है. यह वही अकील अहमद हैं, जिनका एक बयान चुनाव प्रचार के दौर में वायरल हुआ था, जिसमें वह कहते देखे गए कि उत्तराखंड में कांग्रेस मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोलेगी और इसके लिए हरीश रावत से उनकी बातचीत हुई!
मुस्लिम युनिवेर्सिटी से जुड़ा अहमद पर क्या इल्ज़ाम लगाया गया ?
पार्टी के महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी ने जो पत्र जारी करते हुए अहमद को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया, उसमें कहा गया कि पार्टी की हिदायतों के बावजूद अहमद ने मीडिया में अनर्गल बयानबाज़ी की और जारी रखी.मना करने पर भी वह कुछ माध्यमों से ऐसे बयान देते रहे, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ.इस आरोप के साथ ही कांग्रेस ने अपने संविधान के हवाले से उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की.