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वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन : जमीन के खरीद-फरोख्त में नहीं होगा फर्जीवाड़ा, कहीं से भी होगी रजिस्ट्री

विशेष रिपोर्ट – फ़िरोज़ गाँधी
वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन योजना को 2023 तक जमीन पर उतारने की तैयारी है। इसके जरिए 6 लाख से ज्यादा गांवों के जमीन रिकॉर्ड डिजिटल रूप से मौजूद होंगे।

भूमि संबंधी विवादों और उससे होने वाले फर्जीवाड़े पर लगाम कसना एजेंसियों के लिए आसान होगा। इसके लिए सरकार की वन नेशन-वन रजिस्ट्रेशन योजना को जल्द अमलीजामा पहुंचाने की तैयारी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कहा है  कि भूमि का डिजिटल तरीके से रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके लिए तकनीकी का सहारा लिया जाएगा । और जमीनों के डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किए जाएंगे।

आधार जैसा होगा यूएलपीआईएन (ULPIN)

वित्त मंत्री ने कहा है ‘जमीन के डिजिटल रिकॉर्ड के लिए यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और उसके रिकॉर्ड अनुसूची-आठ मौजूद भाषाओं में उपलब्ध होंगे।’

यूएलपीआईएन एक 14 अंकों वाली जमीन की यूनिक आईडी हो सकती है। यह ठीक उसी तरह होगी जैसे कि अभी एक व्यक्ति के पहचान के लिए 12 अंकों वाला आधार होता है। जिस तरह आधार से व्यक्ति की पहचान की जाती है, उसी तरह जमीन की पहचान हो जाएगी। इससे फायदा यह होगा कि एक क्लिक पर किसी भी जमीन की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी। और किसी भी जगह से जमीन के बारे में जानकारी हासिल की जा सकेगी। सरकार का अगले वित्त वर्ष तक इसे पूरी तरह से लागू करने का लक्ष्य है।

ऐसे रुकेगा फर्जीवाड़ा

आए दिन ऐसे मामले सामने आते है कि एक ही जमीन पर एक से ज्यादा लोग मालिकाना हक जता रहे हैं। इसी तरह एक ही जमीन पर फर्जी तरीके से कई बैंकों से लोन लिया गया है। इसके अलावा मूल मालिक की जानकारी के बिना जमीन को दूसरे लोगों ने बेच दिया। इस तरह के फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी।

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