पिछले साल सनडांस फिल्म फेस्टिवल में शीर्ष पुरस्कार जीतने वाली राइटिंग विद फायर की कहानी अखबार की प्रिंट से डिजिटल माध्यम तक की यात्रा का पता लगाती है, जिसमें महिलाएं साहसी स्मार्टफोन पत्रकार बन जाती हैं। सनडांस इंस्टीट्यूट द्वारा समर्थित, डॉक्यूमेंट्री को अखबार के मुख्य रिपोर्टर और क्राइम रिपोर्टर के रास्तों का अनुसरण करते हुए पांच वर्षों में शूट किया गया था, क्योंकि वे देखते हैं कि कभी-कभी उनके जैसी महिलाओं के लिए एक कठिन और खतरनाक दुनिया क्या हो सकती है।
खबर लहरिया चलाने वाले और प्रिंट से डिजिटल में इसके बदलाव की देखरेख करने वाले सिटीजन जर्नलिस्ट्स की कहानी को संयुक्त राज्य में लगभग हर फिल्म ट्रेड मैगजीन ने खास प्रशंसा के साथ बधाई दी है। भारतीय सिनेमा के लिए एक बार गर्व करने वाला पल आया है और दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड समारोह में भारत ने एक बार फिर अपनी जगह बना ली है। इस डॉक्यूमेंट्री की चहुंओर सराहना की जा रही है।