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दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में जुटे संत , महंत मंत्री और विधायक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला शामिल

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती शामिल

श्री हरिहर आश्रम, कनखल हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव में जूना पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, योगगुरू स्वामी रामदेव , रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला , निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी विशोकानन्द , अटल पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी विश्वात्मा नन्द , अध्यक्ष पतंजलि आयुर्वेद, सह संस्थापक पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट, हरिद्वार, आचार्य बालकृष्ण , महासचिव, हिन्दू धर्म आचार्य सभा स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती यतिश्वरानन्द और अन्य पूज्य संतो व विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया

ऋषिकेश, 26 दिसम्बर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने जूना पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज के आचार्य महामंडलेश्वर के गरिमामय पद पर 25 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में सहभाग कर धर्म सभा को सम्बोधित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। स्वामी जी ने माननीय राजनाथ सिंह और ओम बिड़ला को हिमालय की हरित भेंट रूद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट किया।

दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में उपस्थित सभी को सम्बोधित करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि प्रभु श्री राम तो हमारे आराध्य ही नहीं बल्कि भारत की आत्मा हैं और श्री राम मन्दिर केवल एक मन्दिर नहीं बल्कि राष्ट्र मन्दिर का द्योतक है। मर्यादापुरूषोत्तम भगवान श्री राम एक पूर्ण आदर्श चरित्र, धर्म के साक्षात दिव्य स्वरूप, अनन्त और अखंड प्रेम के प्रतीक, करूणा के मूर्धन्य स्वरूप है और वे करूणा के सागर भी हैं। उन्होंने न केवल दीन, दुःखियों की तकलीफ को समझा बल्कि उनके दुःखोेेेेेें को दूर करने के लिये स्वयं समर्पित हो गये। वे असहायों की सहायता के लिये हमेशा तैयार रहते थे, दुःखी व पीड़ितों, कमजोर एवं वंचित वर्गों को उनका अधिकार दिलाने एवं उनकी सहायता के लिये वे सदैव तत्पर रहे। चाहे शबरी हों, केवट हों, गीधराज हों या निषादराज हों, सभी को गले लगाया, प्रेम से झूठे बेर भी खाये। करूणा एवं त्याग की पराकाष्ठा तो देखिये पिता की आज्ञा का पालन करने के लिये सर्वस्व त्याग कर वनगमन किया, राजकुमार से वनवासी बन गये।

अब जो यह अवसर आया है यह 500 वर्षों की अथक तपस्या और हमारे पूर्वजों के बलिदान, परिश्रम और संघर्षों का सुखद परिणाम है, जो दर्शाता है कि यह सत्य और न्याय की जीत है। संविधान के माध्यम से समाधान, आस्थावानों की आस्था, बलिदानियों का बलिदान और सनातन संस्कृति को मानने वाले भक्तों की साधना रंग लायी, जिसके परिणामस्वरूप हम प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या की दिव्य भूमि पर ऐतिहासिक श्री राम मन्दिर निर्माण और उद्घाटन की बेला है। हम सौभाग्यशाली हैं कि प्रभु श्री राम हम सब के आराध्य हैं प्रभु श्री राम की शरण, उनके चरण एवं उनका आचरण हमारे जीवन का पाथेय बने, सम्बल बने।
इस अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सारगर्भित उद्बोधन दिया।

इस अवसर पर अनेक पूज्य संतों का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ साथ ही विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक , सांसद, राज्यसभा एवं प्रवक्ता भाजपा, सुधांशु त्रिवेदी , वित्त, शहरी विकास, आवास व संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल , विश्व हिन्दू परिषद् राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश , पूर्व केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री, डॉ. महेश शर्मा , संगीत सोम , उमेश शर्मा , विधायक प्रदीप बत्रा , सुदर्शन टीवी चैनल के सुरेश चौहान और अनेक विशिष्ट अतिथियों ने सहभाग किया।

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