विशेष रिपोर्ट – आशीष तिवारी
उत्तराखंड में प्रियंका गांधी के दौरे और लड़की हूँ लड़ सकती हूँ के नारों की गूंज से पैदा हुए जोश के बाद 70 विधानसभा सीटों पर महिला कांग्रेस का प्रचार प्रसार और घर घर अभियान का प्रभाव दिखने लगा है । पूर्व कांग्रेस नेत्री सरिता आर्य के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने लैंसडौन से जुड़ी ज्योति रौतेला को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष महिला बनाते हुए उन्हें एक नई टीम सौंपी ।
चुनाव के चंद दिन पहले इस नए समीकरण से ज्योति रौतेला और केअमलेश रमन जैसी अनुभवी नेत्रियों पर बहुत बड़ी जिम्मेदारी दिखाई दे रही है। 2022 विधानसभा चुनाव में महिलाओं के वोट को पार्टी के पक्ष में करना इनकी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इसी मकसद को हासिल करने के लिए उत्तराखंड महिला कांग्रेस की टीम हर विधानसभा में सक्रियता के साथ सुबह शाम लगी हुई है ।
खुद प्रदेश अध्यक्ष महिला ज्योति रौतेला पार्टी की वरिष्ठ उपाध्यक्ष कमलेश रमन और सभी महिला कांग्रेस की सदस्य इस वक्त घर-घर जाकर लोगों को कांग्रेस की रीति नीति और चार धाम चार काम की अहमियत समझा रही है। मसूरी, धर्मपुर रायपुर, कैंट विधानसभा , राजपुर रोड विधानसभा, हरिद्वार , चकराता विकासनगर और लैंसडौन सहित ज्यादातर सीटों पर इस वक्त महिला कांग्रेस अपनी सक्रियता से लोगों को पार्टी से जोड़ने का काम कर रही है।
लेकिन क्या यह काम इतना आसान साबित होगा , क्योंकि मौजूदा पुष्कर सिंह धामी सरकार की वापसी की कमान भी एक महिला ने ही संभाल रखी है। वो नाम गीता पुष्कर धामी का है और इनका दूसरा परिचय है कि यह स्वयं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी होने के साथ-साथ उनके राजनीतिक कैरियर की शिल्पी भी है। लिहाजा इस बार उत्तराखंड में नारी शक्ति के वर्चस्व और प्रभाव की छाप दिखाई दे रही है ।14 फरवरी को मतदान होना है और इस दिन को दुनिया मोहब्बत के दिन के तौर पर भी देखती हैं बात जब मोहब्बत की हो तो लोगों का भावनाओं में बह जाना भी स्वाभाविक है। लेकिन चुनाव भावनाओं से नहीं जीता जाता है।
ये वो सियासी खेल है जो हकीकत की ज़मीन पर खेला जाता है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि उत्तराखंड महिला कांग्रेस की नई टीम के साथ क्या लोग बदलाव के लिए कांग्रेस के खेमे में खड़ी होंगे या अपने मौजूदा मुख्यमंत्री पति के लिए दिन-रात एक करने वाली गीता पुष्कर धामी का परिश्रम सफल होगा।