अफगानिस्तान में तालिबान ने आतंक से डरे जीबी पंत विवि में पढ़ रहे अफगानी छात्र, नहीं लौटना चाहते हैं अपने वतन

अफगानिस्तान में तालिबान ने आतंक मचा रखा है. जहाँ राष्‍ट्रपति और उप राष्‍ट्रपति देश छोड़कर भाग चुके हैं और पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. इसी बीच भारत के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले अफगान छात्रों की मुसीबत भी बढ़ गई है. उन्हें तलिबानियों का डर सता रहा है. इसलिए उन्होंने विवि प्रशासन और भारत सरकार से अफगानिस्तान के हालात देखते हुए मदद की गुहार लगाई है. जेएनयू की तरह ही उत्‍तराखंड के गोविंद वल्‍लभ पंत कृषि विवि पंतनगर में फेलोशिप पर पढ़ रहे छात्र अब अपने देश वापस नहीं लौटना चाहते हैं. इनकी डिग्रियां पूरी हो चुकी हैं, ऐसे में वह सरकार और प्रशासन के लिए भी एक चुनौती और जिम्‍मेदारी बनकर उभरे हैं.

तीन छात्र एमएससी कर रहे हैं और एक पीएचडी कर रहा है

जीबी पंत विश्वविद्यालय में चार अफगान छात्र मुस्तफ सुल्तानी एमएससी, हजरत शाह अजीजी एमएससी, हासिमी पीएचडी, अब्दुल वहाब एमएससी फेलोशिप कर रहे हैं. अब्दुल सेमेस्टर की छुट्टी के दौरान अफगानिस्तान गया था. बाकी तीन छात्र भी घर लौटने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब वहां के हालात ने इन छात्रों में दहशत पैदा कर दी है.अब्दुल के अफगानिस्तान जाने के बाद से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. तीन महीने तक वह अपने रिश्तेदारों से भी बात नहीं कर सका. ऐसे में वह अपनी दक्षता को लेकर भी चिंतित हैं. इन छात्रों की डिग्रियां पूरी हो चुकी हैं, पासपोर्ट और वीजा भी खत्म होने वाले हैं। ऐसे में उनके सामने बड़ी समस्या है. अफगानिस्तान में अफरातफरी के माहौल के चलते संचार व्यवस्था भी पूरी तरह ठप हो गई है.

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जानिए क्‍या है विदेश छात्रों के लिए नियम

डिग्री पूरी होने के बाद, उन्हें दूतावास में समय पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है जब वीजा की वैधता समाप्त हो जाती है, जबकि पासपोर्ट की वैधता समाप्त होने के बाद, उन्हें दिल्ली में अफगान दूतावास में आवेदन करना होता है. वैधता विस्तार की अनुशंसा काबुल या दुबई से संभव है, जिसमें एक से दो माह का समय लगता है. इन आवेदनों के साथ विश्वविद्यालय बोनसफाइड प्रमाणपत्र भी संलग्न करना आवश्यक है. छात्रों ने बताया कि बैंक खाता और सिम कार्ड भी हमारे पासपोर्ट और वीजा से जुड़ा है. पासपोर्ट और वीजा की वैधता समाप्त होने के बाद, हमारा खाता और सिम भी फ्रीज कर दिया जाएगा. इससे हम भारत में किसी भी होटल, रेस्टोरेंट और रेलवे की सुविधाओं से वंचित हो जाएंगे.

जेएनयू छात्रों ने की है वीजा अवधि बढ़ाने की मांग

जेएनयू के एक अफगान छात्र का कहना है कि वहां के हालात बेहद गंभीर हैं. मुझे उम्मीद है कि प्रशासन हमारी स्थिति को समझेगा और वीजा परमिट बढ़ा देगा. उन्होंने कहा कि जेएनयू में पीएचडी करना विदेशी छात्रों के लिए बहुत महंगा है. जिस वजह से यहां गरीब परिवारों से पढ़ने वाले छात्र अफगानिस्तान नहीं जा सकते हैं. ऐसे में अगर विश्वविद्यालय प्रशासन वीजा परमिट की अवधि बढ़ा देता है तो यह उनके लिए बेहतर होगा.

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