साइबर धोखाधड़ी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से Cybersafe पोर्टल भारत सरकार की एक पहल है। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने में उत्तराखण्ड पुलिस अपने अथक प्रयासों से लगातार देश के TOP 5 स्थानों में खुद को बरकरार रखा है।
पुलिस (LEA’s) द्वारा बैंकिंग धोखाधड़ी से सम्बन्धित यथा मोबाईल नम्बर, बैंक एकाउन्ट नम्बर, वॉलेट आदि सूचनाएं Cybersafe पोर्टल दर्ज की जाती है। Cybersafe* पोर्टल के उपयोगकर्ता की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड राज्य सम्पूर्ण भारत वर्ष में पांचवें स्थान पर है।
Cybersafe पोर्टल में टिकट जनरेट करने में उत्तराखण्ड Top 5 में है ।
वित्तीय साइबर मामलों में पीड़ित को त्वरित राहत दिलाने के उद्देश्य से ई-सुरक्षा चक्र साइबर वित्तीय हेल्पलाइन-155260 का संचालन एसटीएफ के अन्तर्गत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में किया जा रहा है। साइबर वित्तीय हेल्पलाइन के द्वारा लगातार 24 घंटे सक्रिय रहकर साइबर ठगी में पीड़ित की धनराशि वापस कराने में अहम भूमिका निभाई जा रही है ।
7 माह में साइबर वित्तीय हेल्पलाइन नम्बर-155260 के माध्यम से प्राप्त 3759 शिकायतो में तत्काल कार्यवाही कर लगभग 1 करोड़ 20 लाख रूपये की धनराशि साइबर ठगों से बचायी गयी है ।
साइबर अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से प्रत्येक साइबर शिकायत दर्ज करने का निर्णय लिया गया, जिस कारण उत्तराखण्ड राज्य देश में 5वां सबसे ज्यादा साइबर धोखाधड़ी संबंधित शिकायत दर्ज करने वाला राज्य है।जिसके तहत विगत वर्ष में 534 अभियोग पंजीकृत किये गये ।
साइबर सावधानी अपीलः- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड द्वारा जनता से अपील की है कि ऑनलाइन नौकरी दिलाने/निवेश में भारी लाभ कमाने, लक्की ड्रॉ, डिस्काउंट, लॉटरी, पॉलिसी में बोनस के प्रलोभन में न आयें तथा अपनी व्यक्तिगत जानकारी व महत्वपूर्ण डाटा शेयर करने से बचे । पहले ऐसे किसी भी ऑफर की जांच कर ले। कोई भी शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन से सम्पर्क करें। यदि आप किसी व्यक्ति के माध्यम से अपनी जमा पूंजी को क्रिप्टोकरेंसी मे निवेश कर रहे है तो अपने स्तर से सम्बन्धित व्यक्ति का सत्यापन कर ले तथा अधिक सतर्कता के बाद ही अपनी जमा पूंजी को निवेश करें।