उत्तराखंड का गांव बना प्रेरणा : ग्रामीणों ने बनाया आइसोलेशन सेंटर, प्रेरित हुए कई गांव

[ad_1]

थान गांव में बनाया गया आइसोलेशन सेंटर.

थान गांव में बनाया गया आइसोलेशन सेंटर.

उत्तराखंड में कोरोना के मामले घटते दिखे हैं, लेकिन पिथौरागढ़ समेत पहाड़ी ज़िलों में हालात अब भी चिंताजनक हैं. कोरोना गांवों तक पहुंच रहा है तो जागरूकता और हिम्मत भी ग्रामीण इलाकों में कम नहीं है.

टिहरी. आप हर काम के लिए सरकार या प्रशासन का मुंह नहीं ताक सकते. हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने और इंतज़ार करते रहने से अच्छा होता है कि आप अपनी समस्या के हल के लिए खुद खड़े हो जाएं. बस यही सोचकर ज़िले के नरेन्द्रनगर ब्लॉक के थान गांव के लोगों ने जब देखा कि कोरोना गांवों में पैर पसार रहा है और क्वारन्टाइन व आइसोलेशन सेंटरों में लोड बढ़ने लगा है तो ग्रामीणों ने वक्त बगैर ज़ाया किए अपने गांव में अपने ही श्रम और संसाधनों से सेंटर बना दिए. कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए बनाए गए इन सेंटरों से आसपास के कई गांव प्रेरणा ले रहे हैं.

थान गांव के एक स्कूल में 5-5 बैड का क्वारन्टाइन और आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जहां प्रवासियों को गांव लौटने पर क्वारन्टाइन किया जा रहा है. किसी घर में यदि कोरोना संक्रमित व्यक्ति है तो उसे भी यहां आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा, जिससे उसके परिवार और अन्य ग्रामीणों को संक्रमण का खतरा न हो. थान में इस तरह की पहल को देखकर आसपास के ग्रामीण भी अब अपने गांवों में ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : क्या सच में चटक गया ग्लेशियर? वैज्ञानिकों ने किया चमोली में हवाई सर्वे

uttarakhand news, uttarakhand samachar, corona in uttarakhand, how to create isolation center, उत्तराखंड न्यूज़, उत्तराखंड समाचार, उत्तराखंड में कोरोना, आइसोलेशन सेंटर कैसे बनाएं

स्कूल भवन को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील किया गया.

कैसे हुईं तमाम व्यवस्थाएं?

थान में इस पहल को देखकर सामाजिक कार्यकर्ता भी मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं. ब्लाक स्तर से सेनेटाइज़ेशन मशीन, सेनेटाइज़र, मास्क दिए गए हैं तो वहीं खाड़ी के ही एक सामाजिक संगठन द्वारा इन्हें ज़रूरी दवाईयां, थर्मल स्कैनर, आक्सीमीटर आदि भी उपलब्ध कराए गए हैं. ग्रामीण इन सेंटरों पर ड्यूटी भी कर रहे हैं और ज़रूरत पड़ने पर आसपास के अस्पताल के डॉक्टरों से लगातार संपर्क रखा जा रहा है.

कैसे हुई यह पहल?

पिछले दिनों गांवों में कोरोना संक्रमण के मामले एकाएक बढ़ गए थे, जिसके बाद से ग्रामीणों के बीच जागरूकता बढ़ी. चूंकि यहां प्रशासन की ओर से मदद पहुंचने में काफी वक्त लग जाता इसलिए थान गांव ने अपने स्तर पर ही पहल की. इसकी देखा देखी आसपास के गांवों के लोग भी जागरूक होकर कोरोना कंट्रोल के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं. खाली पड़े स्कूलों और पंचायत भवनों को इन सेंटरों के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.





[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top