उत्तराखंड में कोरोना का कहर, 9 साल तक के 1000 बच्चे आधे महीने में संक्रमित!

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उत्तराखंड में बच्चों में संक्रमण तेज़ी से फैला.

उत्तराखंड में बच्चों में संक्रमण तेज़ी से फैला.

Corona in Uttarakhand : एक्सपर्ट मान रहे हैं कि तीसरी लहर बच्चों के लिहाज़ से बेहद खतरनाक होगी, लेकिन दूसरी लहर के दौरान ही उत्तराखंड में आंकड़े बेतहाशा दिख रहे हैं. इन आंकड़ों का विश्लेषण साफ चेतावनी देता नज़र आ रहा है.

देहरादून. उत्तराखंड में कोरोना के कहर के आंकड़े राज्य को परेशान करने के लिए काफी हैं. जो पिछले एक साल में नहीं हुआ, वो चन्द दिनों के भीतर होता हुआ नज़र आ रहा है. राज्य में 9 साल से कम उम्र के करीब 1000 को सिर्फ पिछले 10 दिनों के भीतर कोरोना संक्रमण होना पाया गया है, जो कि राज्य की नींद हराम करने के लिए काफी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह डेटा जारी करते हुए यह भी बताया है कि इनमें से कुछ बचों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती भी करना पड़ा. जानकारों के हवाले से खबरें आ चुकी हैं कि कोरोना की आगामी तीसरी लहर में बच्चों के लिए खतरा बहुत ज़्यादा होगा, लेकिन इससे पहले ही उत्तराखंड में दूसरी लहर बच्चों को किस तरह चपेट में ले रही है, इसका नमूना बताते आंकड़े जारी हुए हैं. इन आंकड़ों पर गौर करते हुए इन्हें चेतावनी समझने की सलाह भी विशेषज्ञ दे रहे हैं. ये भी पढ़ें : उत्तराखंड के 9 जिले खतरनाक, मई के 14 दिनों में पिछले 1 साल से ज्‍यादा कोविड मौतें! कितना खतरनाक है डेटा?स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक पिछले एक साल में उत्तराखंड में कुल 2131 बच्चे कोविड 19 की चपेट में आए. वहीं, इस साल 1 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच 264 बच्चे जांच में पॉज़िटिव पाए गए थे, जबकि 16 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच 1053 बच्चे संक्रमित हुए. अब 1 मई से 14 मई के बीच के जो आंकड़े आए हैं, उनके मुताबिक राज्य में 1618 बच्चे कोरोना के शिकार हुए.

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उत्तराखंड में कोविड से मई महीने में मौतों का आंकड़ा भी डरावना दिखा है.

आपको बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार के ही डेटा के मुताबिक राज्य के नौ पहाड़ी ज़िलों में संक्रमण के बेतहाशा बढ़ जाने की खबर आई. इस खबर के मुताबिक इन नौ ज़िलों में 1 मई से 14 मई 2021 के बीच जितनी कोरोना मौतें हुईं, उतनी पूरे एक साल में भी नहीं हुई थीं.
राज्य कहां और कितना नाकाम रहा? सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटीज़ फाउंडेशन (SDCF) के प्रमुख अनूप नौटियाल ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार टेस्टिंग बढ़ाने और मौतों पर कंट्रोल करने में बुरी तरह नाकाम रही. नौटियाल के मुताबिक उत्तर प्रदेश में प्रति एक लाख आबादी पर जितने एक्टिव केस हैं, उनकी तुलना की जाए तो उत्तराखंड में सात गुना ज़्यादा यानी 771 केस हैं. ये भी पढ़ें : अमेठी के गांव में एक के बाद एक 20 मौतें, डरे हुए ग्रामीणों ने कहा- ‘कारण नहीं पता!’ यह भी गौरतलब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक उत्तराखंड में कोरोना वायरस के कुल एक्टिव केस 79,379 हैं जबकि महामारी की चपेट में आकर अब 4426 लोगों की मौत हो चुकी है.





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