आज के दौर में अक्सर लोगों को काम के तनाव से गुजरना पड़ता है। उन्हें लगता है कि ये सामान्य है..लेकिन धीरे-धीरे कब ये हमे दिल का मरीज बना देता है पता ही नहीं चलता है। जो पुरुष काम से संबंधित तनाव के उच्च स्तर का अनुभव करते हैं और उनके काम में कम सराहना मिली है, उनमें हार्ट से जुड़ी बीमारी होने की आशंका उन लोगों की तुलना में दोगुनी होती है जो ऐसा नहीं करते हैं। कनाडाई शोधकर्ताओं की टीम ने इसे लेकर हाल ही में रिसर्च किया।
6,500 पुरुष और महिला कर्मचारियों को शोध में किया गया शामिल
शोधकर्ताओं ने वर्कर के तनाव और उसके बदले में इनाम के बीच के असंतुलन का विश्लेषण किया। मतलब जब कर्चमारी ज्यादा काम करता है और उसके बदले में पुरस्कार जैसे सैलरी, नौकरी सुरक्षा की गारंटी, बोनस कम मिलता है। ऐसे लोगों में हार्ट डिजिज होने की आशंका बढ़ जाती है। 2000 से 2018 तक, शोधकर्ताओं ने कनाडा में लगभग 6,500 पुरुष और महिला कर्मचारियों को फॉलो किया, जिन्हें दिल की बीमारी नहीं थी। उन्होंने कर्मचारी के तनाव के लेबल और इनाम के असंतुलन को मापने के लिए प्रश्नावली का उपयोग किया।
पुरुषों पर काम का तनाव करता है असर, महिलाओं पर नहीं पड़ता कोई इफेक्ट
सामने आए नतीजों में पता चलता है कि जिन पुरुषों ने काम से संबंधित तनाव और पुरस्कार असंतुलन की सूचना दी, उनमें हृदय रोग विकसित होने का जोखिम उन लोगों की तुलना में 49% अधिक था, जिन्होंने ऐसा नहीं किया था। शोध के लेखक लैविग्ने-रॉबिचौड ने कहा ने कहा,’लोगों के काम पर बिताए जाने वाले अहम समय को ध्यान में रखते हुए, काम के तनाव और हार्ट हेल्थ के बीच संबंध को समझना सार्वजनिक स्वास्थ्य और वर्कफोर्स की भलाई के लिए जरूरी है। पुरुषों में काम के तनाव का असर दिल पर पड़ता देखा गया। लेकिन महिलाओं में यह संबंध नहीं पाया गया।