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क्या आप जानते हैं भारत की पहली महिला IAS के बारे में

इंडिया में यूपीएससी की टफ एग्जाम को पास करना हर किसी का ख्वाब होता है। भारत में यूपीएससी परीक्षा का बहुत क्रेज है। जो भी बच्चा कभी स्टूडेंट रहा है, उसकी तमन्ना कभी न कभी यूपीएससी इग्जाम को क्रैक करने की जरूर रही होगी। यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के वाले कैंडिडेट्स को उनकी रैंक के आधार पर आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसे पोस्ट दिए जाते हैं। इसके अलावा भी कई और पोस्ट होते हैं।

40-50 साल पहले महिलाओं के लिए यूपीएससी परीक्षा को क्रैक आसान नहीं

एक ज़माने में महिलाओं का इस परीक्षा में भागीदारी बहुत कम होता था। पर, आज के समय में महिलाएं उसी यूपीएससी परीक्षा में टॉप कर रही हैं। महिलाएं सिर्फ यूपीएससी ही नहीं, बल्कि हर उस एग्जाम में बेस्ट परफॉर्मेंस दे रही हैं जिनमें वो पार्टिसिपेट कर रही हैं। पर, सोचिए आज से 40-50 साल पहले क्या महिलाओं के लिए यूपीएससी परीक्षा को क्रैक करना इतना आसान था? लोगों को यह तो पता है कि भारत के पहले आईएस रविंद्र नाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येन्द्र नाथ टैगोर थे लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि पहली आईएएस अधिकारी कौन थीं? आज हम उसी महान महिला अधिकारी के बारे में बात करने जा रहे हैं।

 अन्ना राजम मल्होत्रा ने भारत की पहली महिला आईएएस होने का गौरव प्राप्त किया

भारत की पहली महिला आईएएस के रूप में हम अन्ना राजम मल्होत्रा को जानते हैं। अन्ना राजम का जन्म केरल राज्य में 27 जुलाई 1927 को हुआ था। इन्होंने अपनी पढ़ाई मद्रास विश्वविद्यालय से की थी। इन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास करने का विचार किया और उसकी तैयारी में पूरी मेहनत से जुट गईं।

 एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस की परीक्षा

अन्ना राजम ने 1951 में इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस की परीक्षा में भाग लिया। बता दें कि अन्ना राजम ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रथम महिला आईएएस अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया। बहुत कम लोगों को जानकारी है कि अन्ना राजम का शुरुआती नाम अन्ना जार्ज था।

पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित

अन्ना राजम मल्होत्रा को साल 1989 में भारत सरकार द्वारा प्रशासनिक सेवा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए पद्मभूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद आज से कुछ वर्षों पहले 17 सितंबर 2018 को उनका निधन हो गया।

टैलेंटेड स्टूडेंट

अन्ना अपने बचपन के दिनों से ही एक टैलेंटेड स्टूडेंट थीं। अन्ना राजम ने तब के दौर में बतौर महिला यूपीएससी को चैलेंज के रूप में लिया था। पहले प्रयास में ही आईएएस के लिए बन जाना,इतना आसान काम नहीं था लेकिन अन्ना राजम ने इसे कर दिखाया। अन्ना राजम मल्होत्रा ने आईएएस आफिसर बनकर देश की महिलाओं को यूपीएससी का ख़्वाब देखने के लिए प्रेरित किया। अन्ना मल्होत्रा की लाइफ अपने आप में मोटिवेशनल सिलेबस है। एक महिला के रूप में जिस समय अन्ना मल्होत्रा जिस दौर में आईएएस अफसर बनी थीं, तब बहुत लोग इस परीक्षा से अनजान होंगे। उन्होंने अपने पूरे कैरियर में एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण पोस्ट पर काम किया। आज वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी उपलब्धियां हर समय लोगों को मोटिवेट करती रहेंगी।

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