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भारतीय सैन्य अकादमी: परेड के दौरान नए 341 जांबाज अधिकारी और 84 विदेशी कैडेट्स ने ली शपथ

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भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई.

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई.

भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई. इसमें 9 देशों के 84 विदेशी कडेट्स भी अधिकारी बने.

देहरादून. भारतीय सैन्य अकादमी ( Indian Military Academy ) दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखती है. साल 1932 में इसकी स्थापना के बाद से अब तक देश को 60,725 भारतीय जेंटलमैन कैडेट्स मिले हैं, जबकि 34 मित्र देशों के 2656 विदेशी जेंटलमैन कैडेट्स आईएमए से पासआउट हो चुके हैं. कोविड महामारी के दौरान ट्रेनिंग में भले ही कई चुनौतियां पेश आर्इं, लेकिन प्रोटोकॉल के साथ आईएमए अपनी ट्रेनिंग को पूरा करता रहा. शनिवार का दिन आईएमए के लिए ऐतिहासिक रहा जब 425 जेंटलमैन कडेट्स ने अधिकारी के रूप में अंतिम पग पार कर देश सेवा का प्रण लिया है. इसमें 9 देशों के 84 विदेशी कडेट्स भी अधिकारी बने.

लेफ्टिनेंट जनरल आरपी सिंह, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीएसएम, जीओसी-इन-सी, मुख्यालय पश्चिमी कॉमड ने परेड का निरीक्षण किया.  मौजूदा कोविड स्थिति के कारण, पासिंग आउट जेंटलमैन कैडेटों के माता-पिता और परिवार के सदस्य समारोह में नहीं आ पाए. पिपिंग समारोह, जो परंपरागत रूप से पासिंग आउट कोर्स के माता-पिता करते हैं इसबार आईएमए में तैनात इंस्ट्रक्टर स्टाफ ने की. भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना का अभिन्न हिस्सा बन गई.

ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई. सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर पास जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली. डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह , कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली, जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली. ले. जनरल सिंह ने कैडेटों को ओवरऑल बेस्ट परफॉर्मेंस औरअन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा. मुकेश कुमार को स्वार्ड ऑफ ऑनर, जबकि दीपक सिंह को स्वर्ण, मुकेश कुमार को रजत और लवनीत सिंह को कांस्य पदक मिला. दक्ष कुमार पंत ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया. किन्ले नोरबू सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए. चीफ ऑफ आर्मी स्टॉफ बैनर डोगराई कंपनी को मिला. परेड के बाद आयोजित पीपिंग और ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। इनमें 341 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय सेना को मिले।

इन देशों की सेना का अभिन्न अंग बने84 युवा सैन्य अधिकारी जिसमें नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने. इसके बाद देहरादून स्थित प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी के नाम देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा सैन्य अधिकारी देने का गौरव जुड़ गया है. इनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं.







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