संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी कर रहा हर उम्मीदवार LBSNAA से वाकिफ है. उनके लिए यह किसी जन्नत से कम नहीं है. LBSNAA का फुल फॉर्म लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration है. यह एकेडमी उत्तराखंड के मसूरी में स्थित है. सभी UPSC उम्मीदवार यहां तक पहुंचने का सपना देखते हैं. यूपीएससी परीक्षा UPSC Exam में सफल हो चुके उम्मीदवारों को यहीं पर ट्रेनिंग दी जाती है।
तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत जी ने 15 अप्रैल, 1958 को सिविल सर्विस परीक्षा में सफल हुए सभी उम्मीदवारों को प्रशिक्षित करने के लिए मसूरी के चार्लेविले एस्टेट में राष्ट्रीय एकेडमी स्थापित करने का फैसला किया था. उस समय इस एकेडमी का नाम नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (NAA) रखा गया था. 1972 में इसे बदलकर लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन कर दिया गया था. इसके बाद 1973 में इसमें ‘नेशनल’ शब्द जोड़ा गया था. तब से इसे ‘लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन’ के तौर पर जाना जाता है। कितनी है LBSNAA की फीस ?
मसूरी स्थित LBSNAA में ट्रेनी अधिकारियों को बेहद मामूली फीस भरनी पड़ती है. अगर एक व्यक्ति के रूप के लिए 350 रुपये महीने देने होते हैं. जबकि दो व्यक्ति के कमरे के लिए प्रति व्यक्ति 175 रुपये किराया है. इसमें पानी और इलेक्ट्रिसिटी जैसी सुविधाओं का खर्च शामिल होता है. इसके अलावा करीब 10 हजार रुपये मेस फीस देनी होती है.LBSNAA में ट्रेनी आईएएस-आईपीएस को हर महीने करीब 40 हजार रुपये स्टाइपेंड या सैलरी मिलती है. असल में सैलरी मिलती है 56000 रुपये महीने. लेकिन इसमें से मेस और हॉस्टल फीस सहित अन्य खर्च काटकर इनहैंड सैलरी करीब 40000 मिलती है।
LBSNAA में आईएएस अधिकारियों का ट्रेनिंग
फाउंडेशन कोर्स: यह 4 महीने का होता है. इस दौरान आईएएस और आईपीएस साथ ट्रेनिंग करते हैं.
फेज-1 : फेज-1 की ट्रेनिंग में 40-45 दिन का भारत दर्शन और 15 सप्ताह का एकेडमिक मॉड्यूल शामिल होता है.
जिले पर ट्रेनिंग : इस दौरान ट्रेनी अधिकारियों को किसी जिले में भेजा जाता है यह करीब एक साल की होती है.
फेज-2 : फेज-2 ट्रेनिंग छह सप्ताह/दो महीने की होती है. इस दौरान अब तक की ट्रेनिंग के दौरान सीखने के अनुभव एक दूसरे से शेयर करते हैं. असिस्टेंट सेक्रेटरीशिप : इस दौरान सभी ट्रेनी आईएएस अधिकारी केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम करते हैं.
LBSNAA में ट्रेनी आईएएस अधिकारियों को सुविधाएं
LBSNAA Rules: LBSNAA में ट्रेनिंग करना आसान नहीं है. ट्रेनी ऑफिसर्स को यहां ज़िंदगी की बेसिक स्किल्स भी सिखाई जाती हैं. उन्हें आयुर्वेद के प्रिंसिपल के हिसाब से खाना बनाने तक की स्किल दी जाती है. इसके अलावा एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के तौर पर उन्हें कैलिग्राफी, जूट बैग बनाने, साइन लैंग्वेज सीखने और स्मार्टफोन से फिल्म मेकिंग आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. वहां दी जाने वाली हर चीज पर एकेडमी का लोगो होता है. इसके साथ ही सभी ट्रेनी ऑफिसर्स को वहां लागू किए गए ड्रेस कोड व अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है .
मसूरी स्थित LBSNAA में ट्रेनी अधिकारियों को बेहद मामूली फीस भरनी पड़ती है. अगर एक व्यक्ति के रूप के लिए 350 रुपये महीने देने होते हैं. जबकि दो व्यक्ति के कमरे के लिए प्रति व्यक्ति 175 रुपये किराया है. इसमें पानी और इलेक्ट्रिसिटी जैसी सुविधाओं का खर्च शामिल होता है. इसके अलावा करीब 10 हजार रुपये मेस फीस देनी होती है.LBSNAA में ट्रेनी आईएएस-आईपीएस को हर महीने करीब 40 हजार रुपये स्टाइपेंड या सैलरी मिलती है. असल में सैलरी मिलती है 56000 रुपये महीने. लेकिन इसमें से मेस और हॉस्टल फीस सहित अन्य खर्च काटकर इनहैंड सैलरी करीब 40000 मिलती है।
फाउंडेशन कोर्स: यह 4 महीने का होता है. इस दौरान आईएएस और आईपीएस साथ ट्रेनिंग करते हैं.
फेज-1 : फेज-1 की ट्रेनिंग में 40-45 दिन का भारत दर्शन और 15 सप्ताह का एकेडमिक मॉड्यूल शामिल होता है.
जिले पर ट्रेनिंग : इस दौरान ट्रेनी अधिकारियों को किसी जिले में भेजा जाता है यह करीब एक साल की होती है.
फेज-2 : फेज-2 ट्रेनिंग छह सप्ताह/दो महीने की होती है. इस दौरान अब तक की ट्रेनिंग के दौरान सीखने के अनुभव एक दूसरे से शेयर करते हैं. असिस्टेंट सेक्रेटरीशिप : इस दौरान सभी ट्रेनी आईएएस अधिकारी केंद्रीय सचिवालय में असिस्टेंट सेक्रेटरी के तौर पर काम करते हैं.
LBSNAA Rules: LBSNAA में ट्रेनिंग करना आसान नहीं है. ट्रेनी ऑफिसर्स को यहां ज़िंदगी की बेसिक स्किल्स भी सिखाई जाती हैं. उन्हें आयुर्वेद के प्रिंसिपल के हिसाब से खाना बनाने तक की स्किल दी जाती है. इसके अलावा एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के तौर पर उन्हें कैलिग्राफी, जूट बैग बनाने, साइन लैंग्वेज सीखने और स्मार्टफोन से फिल्म मेकिंग आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाता है. वहां दी जाने वाली हर चीज पर एकेडमी का लोगो होता है. इसके साथ ही सभी ट्रेनी ऑफिसर्स को वहां लागू किए गए ड्रेस कोड व अन्य नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है .