2050 तक 250 करोड़ लोग हो सकते हैं बहरे – घातक है हेडफोन 

स्कूल हो , युनिवेर्सिटी हो , घर में स्टडी रूम हो या मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किये जा रहे इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स , युवा किसी भी शहर , राज्य या देश के हों सबसे ज्यादा ईपी यानी ईयर पीस या यूँ कहे हेडफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। आप अपने घर परिवार में भी नज़र दौड़ाएंगे तो बच्चे और स्टूडेंट्स के साथ साथ महिलाएं भी कानों में इयरपीस या हेडफोन लगाकर काम करती है। कहने को तो ये मनोरंजन है जिसमें किसी दूसरे को कोई डिस्टरवेंस नहीं होती है लेकिन जल्द ही इसका नतीज़ा बेहद ख़ौफनाक नज़र आने वाला है।

फ्रांस के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल इंस्टीट्यूट की रिसर्च से पता चला है कि फ्रांस में चार में से एक व्यक्ति को सुनने में परेशानी हो रही है। वे धीरे-धीरे बहरे होते जा रहे हैं। मतलब वहां की 25% आबादी इससे प्रभावित हो रही है।

डिप्रेशन और शोर से लोग हो रहे हैं बहरेपन का शिकार

पहली बार फ्रांस में इस तरह की रिसर्च बड़े लेवल पर की गई है, जिसमें 18 से 75 वर्ष की उम्र के 1,86,460 लोगों का शामिल किया गया था। रिसर्च करने वालों का मानना है कि पहले केवल छोटे लेवल पर रिसर्च की गई थी, लेकिन इस बार की गई रिसर्च के मुताबिक लोगों को सुनने में समस्या लाइफस्टाइल, सोशल आइसोलेशन व डिप्रेशन व तेज आवाज के संपर्क में आने के कारण हो रही है।
 

2050 तक बढ़कर 250 करोड़ लोग हो सकते हैं बहरे

रिसर्च में पाया गया है कि कुछ लोगों में शुगर और डिप्रेशन की वजह से सुनने की समस्या हो रही है। वहीं कुछ लोगों को अकेलेपन, शहरी शोर और हेडफोन का यूज करने के कारण परेशानी हो रही है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया में लगभग 150 करोड़ लोग किसी न किसी रूप में सुनने में समस्या महसूस कर रहे हैं। यह संख्या 2050 तक बढ़कर 250 करोड़ होने की संभावना है। इसलिए इसे स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जा रहा है।

फ्रांस में 37% लोग ही करते है हियरिंग एड इस्तेमाल
फ्रांस में महज 37% लोग ही हियरिंग एड इस्तेमाल करते हैं। धूम्रपान करने वाले और उच्च BMI वाले लोग भी हियरिंग एड का कम इस्तेमाल कर रहे हैं। बढ़ती हुई समस्या को देखते हुए पिछले साल, फ्रांस के स्वास्थ्य विभाग ने फ्री में श्रवण यंत्र लोगों को उपलब्ध कराए गए थे। हियरिंग एड के लिए बीमा का भी प्रावधान किया गया है।
न्यूज़ वायरस की आपसे गुज़ारिश है कि जितना हो सके कम से कम हेडफोन और ईपी का इस्तेमाल करें। क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जितने फायदे देते हैं उनका दुष्परिणाम भविष्य में उतना ही खतरनाक सामने आता है।

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