हरिद्वार कुंभ में फर्जी कोविड टेस्ट केस में FIR दर्ज, CM तीरथ बोले- मेरे समय का नहीं है मामला

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सीएमओ हरिद्वार ने नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. (फाइल फोटो)

सीएमओ हरिद्वार ने नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. (फाइल फोटो)

Haridwar News: कुंभ मेले के दौरान कोविड में फर्जीवाड़ा करने वाली टेस्टिंग लैब ने पंजाब, राजस्थान हरियाणा राज्यों के डेटाबेस लेकर फर्जी टेस्ट दिखाए जिसमें कई ऐसे लोगों के टेस्ट दिखाए गए जिनके ना तो कोविड टेस्ट हुए और ना ही वे हरिद्वार कुंभ मेले में आए थे.

देहरादून. अप्रैल में हुए हरिद्वार कुंभ के दौरान कथित तौर पर हजारों की संख्या में फर्जी कोविड टेस्ट के मामले में पुलिस ने एक फर्म समेत दो प्राइवेट लैब के खिलाफ अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. हरिद्वार के सीएमओ की शिकायत पर मैक्स कॉर्पोरेट सर्विस, दो दिल्ली की लालचंदानी और हिसार की नालवा लैब के खिलाफ धोखाधड़ी, आपदा एक्ट, क्रिमिनल कॉन्सपिरेसी जैसी अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. दरअसल इस मामले को News18 शुरू से उठाता आ रहा है. News18 के संवाददाता ने मैक्स कॉरपोरेट सर्विस नाम की फर्म के एड्रेस पर नोएडा और दिल्ली में जाकर तस्दीक करने की कोशिश की. नोएडा में एक पुरानी बिल्डिंग मिली जिसके गेट भी बंद थे. वहीं दिल्ली के एड्रेस पर कुछ और एजेंसी चल रही थी.

इसी साल कोरोना के साये के बीच हरिद्वार में अप्रैल में कुंभ हुआ था, उससे पहले स्थानीय प्रशासन ने 22 लैबोरेट्रीज के साथ कोविड टेक्स्ट को लेकर अनुबंध किया था. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस उसमें से एक फॉर्म थी जिसके पास दो लैबोरेट्री थी. इन लैब्स द्वारा हजारों की संख्या में किये गए टेस्ट शक के दायरे में हैं. लैब टेस्ट पर शक की सुई तब घुमी जब पंजाब के युवक के मोबाइल में मैसेज आया उसकी की उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि वह युवक कभी हरिद्वार आया ही नहीं था. युवक ने शिकायत आईसीएमआर को तो आईसीएमआर ने उत्तराखंड के अधिकारियों को सूचित किया. इस तरह जब पड़ताल हई तो खुलासा हुआ कि हज़ारों की संख्या में फर्जी टेस्ट हुए है.

इस बीच मामले को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फर्जी टेस्ट मामले पर एसआईटी की जांच करने की मांग की है. पूर्व सीएम का कहना है कि मामला सिर्फ पैसों की धोखाधड़ी से नहीं जुड़ा है बल्कि इन लोगों की सेहत से ही जुड़ा है. गौरतलब है इस मामले में आरोपी फॉर्म का करीब 3 करोड रुपए का भुगतान रोक दिया गया है.

इस बीच फर्जी टेस्ट रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का पहली बार बयान आया है. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को देहरादून में पत्रकारों से कहा कि फर्जी टेस्ट का मामला उनके समय का नहीं है वह तो मार्च में मुख्यमंत्री बने थे. अप्रत्यक्ष तौर पर सीएम तीरथ ने इस सारे घटनाक्रम से अपने आपको अलग कर लिया. मामले पर अब कांग्रेस कूद पड़ी है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का कहना है कि मामले में सीबीआई की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके. कुंभ के दौरान कुल चार लाख से ज्यादा कोविड टेस्ट किए गए थे. अब जब दो लैब शक के घेरे में आई हैं तब अधिकारी बाकी लैब के रिजल्ट खंगालने की बात कर रहे हैं.(हरिद्वार से पुलकित शुक्ला के इनपुट्स)





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