आखिर क्यों मिली डॉक्टर को बर्तन और जूता साफ़ करने की सजा ?

ये खबर जितनी अजीब है उसका इन्साफ भी उतना अनोखा है। पटना के तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब में एक श्रद्धालु के बड़े दान की चर्चा हो रही है. चर्चा इसलिए क्योंकि शख्स ने दान में जो 5 करोड़ के आभूषण दिए थे, वो सब नकली निकले और अब उसके खिलाफ कार्रवाई हुई है.

पटना साहिब में एक श्रद्धालु ने 5 करोड़ रुपए के बेशकीमती हीरे जेवरात और सोने से बने सामान भेंट किये थे. जांच में पाया गया कि गुरुद्वारा साहिब को भेंट किये गए 5 करोड़ के आभूषण नकली हैं. इस मामले में तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के पंच प्यारों की बैठक हुई जिसमें वर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन को तनखइया घोषित कर दिया गया, वहीं इस दान को देने वाले पंजाब के करतारपुर निवासी डॉ. गुरविंदर सिंह सामरा को मना किए जाने के बाद भी मीडिया में बयान देने और तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब की गरिमा को ठेस पहुंचाने पर पंच प्यारों ने कड़ी कार्रवाई की है.

इस कार्रवाई में डॉक्टर सामरा को एक अखंड पाठ, 1100 का कड़ाह प्रसाद और 3 दिनों तक बर्तन और जूता घर में सेवा करने का हुक्म जारी किया गया है. इस मामले में अपनी बात रखने के लिए रविवार को निवर्तमान जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह गौहर ए मस्कीन और दानकर्ता पंजाब के करतारपुर निवासी डॉक्टर गुरविंदर सिंह सामरा के बड़े पुत्र हरमनदीप सिंह सामरा ने तख्त श्री हरमंदिर जी पहुंचे. बताया गया कि खराब तबीयत के कारण डॉक्टर सामरा तख्त श्री हरिमंदिर नहीं पहुंच सके. पंच प्यारों ने दानकर्ता और जत्थेदार से मिले साक्ष्यों को लेकर लगभग 8 से 9 घंटे तक मैराथन बैठक करने के बाद देर रात अपना फैसला सुनाया.

डॉ सामरा ने 1 जनवरी 2022 को लगभग 5 करोड़ मूल्य के हीरे जेवरात से बने सोने के हार, सोने की कृपाण, सोने से बनी छोटी पलंग और कलगी गुरुद्वारा साहिब को भेंट की थी. सिख संगतो को इस भेंट पर शक हुआ, जिसके बाद गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोधी गुट द्वारा इस मामले में सवाल उठाए गए. इन सवालों का ये असर हुआ कि तख्त श्री हरमंदिर प्रबंधक कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय अवतार सिंह हित के निर्देश पर इन सामानों की जांच कराई गई. जांच में पाया गया कि सोने की शुद्धता बहुत कम है.जिसके बाद ये सज़ा सुनाई गयी है अब इन्साफ करने के इस अनोखे एलान को लोग शानदार फैसला बता रहे हैं।

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