हमेशा शक करना पैरानॉयड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का है लक्षण, तुरंत कराएं इलाज

पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर एक प्रकार की मानसिक बीमारी है. इससे पीड़ित व्यक्ति हर बात पर शक करने लगता है, जिसकी उसकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ता है.

शक तो बहुत से लोग करते हैं तो क्या सभी को ये मानसिक बीमारी है? इस सवाल का जवाब है नहीं. डॉक्टर बताते हैं कि अगर आप अचानक हर किसी पर शक करने लगें, मन में बिना वजह असुरक्षित महसूस हो और हर छोटी बात का बुरा लगने लगे और मन में ही कुछ कहानियां बुनने लगें तो ये सब पैरानॉयड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण हैं. इस बीमारी में व्यक्ति का शक एक सनकीपन में बदल जाता है. इंसान इतना शक्की हो जाता है और उनसे उसकी मानसिक हालात भी बिगड़ने लगती है. जिससे उसका रोजर्मरा का जीवन भी प्रभावित होने लगता है.पैरानॉयड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ लोग जरूरत से ज्यादा शक करते हैं और केवल संदेह के आधार पर दूसरों को दोषी मान लेते हैं. लक्षणों की पहचान और बीमारी के कारणों को जानकर इस समस्या का इलाज कराना चाहिए. इस दौरान यह भी पता करें कि मरीज किसी नशीले पदार्थ का सेवन तो नहीं कर रहा है. साथ ही यह भी जरूरी है कि अगर आपके आसपास रहने वाले किसी दोस्त या परिवार के सदस्य में इस बीमारी के लक्षण दिख रहे हैं तो इसपर ध्यान दें और उसको इस बारे में गाइड भी करें.

ऐसे पहचाने लक्षण

अगर कोई इंसान हमेशा शक करता है और उसे लगे कि उसका शक पक्का हो रहा है तो ये पैरानॉयड पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होता है. कई मामलों में मरीज को ये भी लगता है कि जो उसका शक है और जो वह सोच रहा है वही उसकी सामने हो भी रहा है, हालांकि ऐसा होता नहीं है और खराब मानसिक हालात की वजह से व्यक्ति को ऐसा भ्रम होने लगता है. इस बीमारी में अगर समय पर इलाज नहीं होता तो व्यक्ति की मानसिक हालत काफी बिगड़ सकती है.

ये बीमारी क्यों होती है?

डॉक्टर बताते हैं कि किसी दुर्घटना के दौरान सिर में लगी चोट की वजह से भी ये परेशानी हो सकती है. क्योंकि कई बार चोट का असर ब्रेन के फंक्शन पर पड़ता है. नतीजन ऐसी परेशानी होने लगती हैं. इसके अलावा अधिक मेंटल स्ट्रेस लेने, बचपन की घटना का मेंटल ट्रॉमा और जीवन में मिल रही असफलताओं की वजह से भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर हो सकता है. इस बीमारी के लक्षण दिखते ही मनोरोग विशेषज्ञों से सलाह लेनी बहुत जरूरी है. काउंसलिंग और दवाओं के माध्यम से पैरानॉयड पर्सनालिटी डिसऑर्डर की बीमारी को काबू में किया जा सकता है.

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